मधुबनी. लंबित मांगें पूरी कराने के लिए जिले के एंबुलेंस कर्मियों ने दूसरे दिन गुरुवार को भी कार्य बहिष्कार कर सेवा बाधित की. वहीं, सदर अस्पताल परिसर में एंबुलेंस कर्मियों की बैठक मो. मुस्तकिम की अध्यक्षता में हुई. बैठक में लंबित मांग पूरी नहीं होने तक कार्य बहिष्कार अनिश्चितकालीन तक रखने का निर्णय लिया गया. एंबुलेंस सेवा ठप होने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. सबसे अधिक प्रभावित अस्पताल से घर आने-जाने वाली गर्भवती व प्रसूताओं सहित रेफरल मरीजों को हुई. 102 एंबुलेंस कर्मियों के कार्य बहिष्कार के कारण निजी एम्बुलेंस वाहन चालकों की चांदी कट रही है. विदित हो कि सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष में हर 20 से 25 गर्भवती महिलाओं का प्रसव होता है. इसमें से अधिकांश गर्भवती व प्रसूता को 102 एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन हड़ताल के कारण इन मरीजों को निजी एम्बुलेंस सेवा का सहारा लेना पड़ रहा है. जिले में वर्तमान में 54 एंबुलेंस का परिचालन सदर अस्पताल सहित विभिन्न संस्थानों में किया जा रहा है. जिससे प्रतिदिन लगभग 200 मरीजों को सेवा उपलब्ध कराया जाता है. जिसमें गर्भवती व प्रसूता महिला को अस्पताल लाने व ले जाने, गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों को हायर सेंटर रेफर करने, 21 दिनों तक नवजात शिशु को बीमारी की अवस्था में अस्पताल लाने ले जाने, रोड एक्सीडेंटल, कालाजार व अन्य मरीजों की सेवा प्रभावित हुआ है. एंबुलेंस कर्मियों ने कहा कि 2 दिनों में लगभग 400 मरीजों को एंबुलेंस सेवा से वंचित होना पड़ा है. जिसके लिए सेवा प्रदाता कंपनी एवं जिला स्वास्थ्य समिति जिम्मेवार है. विदित हो कि इस संबंध में एंबुलेंस कर्मियों ने 21 जून को डीएम, सीएस, सेवा प्रदाता एंबुलेंस कंपनी सहित पदाधिकारियों को पत्र के माध्यम सूचित किया था. बावजूद पदाधिकारियों ने संज्ञान नहीं लिया गया. बैठक में मो. फिरोज, भगवान जी मिश्रा, ओमप्रकाश साह, मो. रब्बानी, मो. आदिल, राम उदगार सिंह, रंजीत कुमार, अनिल कुमार मुखिया सहित दर्जनों एंबुलेंस चालक भी शामिल थे
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