लंबित मांगें पूरा नहीं होने पर एंबुलेंस कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार
बित मांगें पूरी कराने के लिए एंबुलेंस कर्मियों ने बुधवार को कार्य बहिष्कार कर सेवा ठप कर दी
मधुबनी. लंबित मांगें पूरी कराने के लिए एंबुलेंस कर्मियों ने बुधवार को कार्य बहिष्कार कर सेवा ठप कर दी. मौके पर एंबुलेंस कर्मियों की बैठक मोहम्मद फरोज फिरोज की अध्यक्षता मंप मॉडल अस्पताल परिसर में मैं हुई. इस दौरान लंबित मांग पूरा नहीं होने तक कार्य बहिष्कार जारी रखने का निर्णय लिया. 102 एंबुलेंस सेवा ठप होने से मरीज को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. सबसे अधिक परेशानी अस्पताल से घर जाने वाले मरीजों तथा रेफरल मरीजों को हुई. इसके लिए मरीजों को निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पर रहा है, जिससे कारण उन्हें आर्थिक कठिनाइयों का से भी दो-चार होना पड़ रहा है. इस संबंध में एंबुलेंस कर्मियों ने 21 जून को इसकी सूचना डीएम, एसपी, सिविल सर्जन, जिला स्वास्थ्य समिति सहित सेवा प्रदाता कंपनी को दी थी. इसके बाद भी पदाधिकारियों की ओर से कोई संज्ञान नहीं लिया गया. इस आशय की जानकारी अध्यक्ष फिरोज ने दी. कहा कि इपीएफ, ईएसआईसी एवं संस्था द्वारा कर्मियों के साथ किए जा रहे अपनी छह सूत्री मांगों के समर्थन में एम्बुलेंस कर्मियों द्वारा अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार किया जा रहा है. उन्होंने वर्तमान सेवा प्रदाता कंपनी पशुपति नाथ एंड सम्मान फाउंडेशन पर एंबुलेंस सेवा का संचालन सही रूप से नहीं करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कर्मियों का 18 से 25 माह का ईपीएफ नहीं दिया गया है. इस संबंध में जिला स्वास्थ्य समिति मे वार्ता करने पर उनके द्वारा बताया गया कि हर माह एजेंसी को बिल भुगतान करने से पहले एजेंसी द्वारा ईपीएफ का चलान जमा किया जाता है, उसके बाद भुगतान किया जाता है. एंबुलेंस कर्मियों का कहना है की ऐसी स्थिति में जब हर माह जिला स्वास्थ्य समिति में कंपनी द्वारा चालान जमा किया जाता है, तो फिर कर्मियों के ईपीएफ अकाउंट में पैसा क्यों नहीं आता है. एंबुलेंस कर्मियों ने कहा कि संस्था द्वार 15 कर्मियों को बिना सूचना एवं पत्राचार के बैठा दिया गया है ऐसी स्थिति में कर्मियों की मांग पूरी नहीं की जाती है तो अनिश्चितकालीन शांतिपूर्ण कार्य बहिष्कार जारी रहेगा. वक्ताओं ने कहा कि सेवा प्रदाता कंपनी, सहायक श्रम आयुक्त और संघ के बीच हुई त्रिपक्षीय वार्ता के के अनुसार प्रतिवर्ष वेतन में वृद्धि की जाए. कार्य अवधि के संबंध में त्रिपक्षीय समझौता के अनुसार सेवा प्रदाता के द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि, जल्द ही राज्य स्वास्थ्य समिति से वार्ता कर 12 घंटे की जगह 8 घंटे कर दी जाएगी. कर्मियों ने कहा कि भविष्य निधि का 18-25 माह का पैसा कंपनी द्वारा अभी तक भुगतान नहीं किया गया है. निविदा में दर्शाया गया है कि कर्मचारी का पीएफ भुगतान के बद ही जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा सेवा प्रदाता कंपनी को भुगतान किया जाए, जिसका कभी भी जिला जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा पालन नहीं किया गया है. ईएसआईसी की कटौती किया जाता है, लेकिन इसका लाभ कर्मचारी को नहीं मिल पा रहा है. ये हैं मांग: * श्रम अधिनियम के तहत वेतन का भुगतान करने * अप्रैल माह से बताएं वेतन का भुगतान किये जाने * नियुक्ति पत्र एवं आईडी कार्ड जो अब तक किसी कर्मचारी को नहीं दिया गया है, उसे अविलंब दिये जाने * पीएफ एवं ईएसआईसी का पूरा भुगतान किये जाने * 2021 से 5 प्रतिशत सालाना वेतन का भुगतान करने बैठक में मो. फिरोज, भगवान जी मिश्रा, मो.वासिफ रब्बानी, ओम प्रकाश साहू, शंभु चौधरी, विपिन कुमार, कमलेश कुमार, मोहम्मद आदिल सहित दर्जनों संख्या में एंबुलेंस चालक व इएमटी शामिल रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है