मधुबनी. समाहरणालय के सभाकक्ष में शुक्रवार को अपर समाहर्ता शैलेश कुमार की अध्यक्षता में जिले में बाल विकास परियोजना की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक हुई. समीक्षा के क्रम में अपर समाहर्ता ने प्रत्येक परियोजना में कम से कम दस आंगनबाड़ी केंद्रों को चिह्नित कर मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित करने निर्देश दिया. इसको लेकर उन्होंने डीपीओ आइसीडीएस को कई आवश्यक निर्देश भी दिए. अपर समाहर्ता ने निर्देश दिया कि अपने भवन में क्रियाशील शौचालय विहीन आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय निर्माण कराना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत यह सुनिश्चित करें कि सभी आंगनबाड़ी केंद्र क्रियाशील रहे. उन्होंने डीपीओ आइसीडीएस को निर्देश दिया कि सभी सीडीपीओ के उनके ओवर आल प्रदर्शन के आधार पर प्रत्येक माह रैंकिंग करें. उन्होंने पोषण ट्रैकर के विभिन्न मानकों व सूचकांक में शत-प्रतिशत उपलब्धि का निर्देश दिया. सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को अपने संबंधित प्रखंड में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित बीएलटीएफ की बैठक में उपस्थित रहने को कहा. उन्होंने कहा कि डायरिया उन्मूलन में सभी सीडीपीओ अपनी भूमिका निभाएं. डायरिया से बचाव को लेकर आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार करें. सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वच्छता विशेषकर हैंडवाश को लेकर जागरूकता अभियान चलाएं. बैठक में उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पोषाहार का वितरण सही तरीके से करें और इससे संबंधित डेटा को तत्पर होकर पोर्टल पर अपलोड करें. उन्होंने इसके लिए प्रखंड स्तर पर सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की बैठकों में उन्हें तकनीकी जानकारी के साथ आवश्यक दिशा-निर्देश देने पर जोर दें. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का समय से खुलना सुनिश्चित करें. बैठक में डीपीओ आइसीडीएस, डीआइओ स्वास्थ्य सहित जिले के सभी प्रखंडों की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी उपस्थित थी.
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