प्रधानमंत्री की चिट्ठी लेकर घर-घर जा रही हैं आशा
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल लाभार्थियों को पीएम मोदी द्वारा भेजे गये पत्र को घर-घर पहुंचाया जा रहा है. इसकी जिम्मेदारी क्षेत्र के आशा कार्यकर्ताओं को दी गयी है. इस पत्र को दिखाने पर लाभुको को आयुष्मान भारत के तहत सूचीबद्ध अस्पताल में मरीजो का तत्काल ही गोल्डन कार्ड व इलाज उपलब्ध होगा. इस पत्र का वितरण आशा द्वारा किया जा रहा है.
मधुबनी : प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल लाभार्थियों को पीएम मोदी द्वारा भेजे गये पत्र को घर-घर पहुंचाया जा रहा है. इसकी जिम्मेदारी क्षेत्र के आशा कार्यकर्ताओं को दी गयी है. इस पत्र को दिखाने पर लाभुको को आयुष्मान भारत के तहत सूचीबद्ध अस्पताल में मरीजो का तत्काल ही गोल्डन कार्ड व इलाज उपलब्ध होगा.
इस पत्र का वितरण आशा द्वारा किया जा रहा है. जिसमे संबंधित क्षेत्र के मुखिया को भी शामिल किया गया है. मुखिया को जिम्मेदारी दी गयी है कि वह आशा कार्यकर्ता के माध्यम से अपने क्षेत्र के लाभार्थियों के बीच पीएम लेटर का वितरण ससमय कराएं.
बारकोड युक्त पत्र . प्रधानमंत्री द्वारा उपलब्ध कराया गया पत्र काफी महत्वपूर्ण है. इसमें लाभुकों की सहायता के लिए योजना से संबंधित सारी जानकारी उपलब्ध है. इस पत्र में बारकोड भी अंकित है, जिसमें मरीज का पूरा विवरण उल्लेखित है. यह पत्र लाभुकों को किसी भी अस्पतालों में इलाज के लिए के लिए आई डी का काम करेगा.
प्रधानमंत्री द्वारा प्रेषित पत्रों का बंडल प्रखंड कार्यालय पर भेजा गया है. जहां संबंधित प्रखंड के मुखिया द्वारा अपने क्षेत्रों के लाभुको के पत्र का उठाव किया जायेगा. जिसके बाद आशा कार्यकर्ता द्वारा अपने-अपने क्षेत्र के लाभार्थियों के बीच इस पत्र का वितरण होगा.
आशा करती हैं पुष्टि. आवंटित गांव के लाभार्थियों के पत्रों का बंडल प्राप्त करने के बाद आशा द्वारा टोल फ्री नंबर पर कॉल की जायेगी. जिसके बाद आइवीआर ऑप्शन पर ‘ 9 ‘ नंबर दबाने पर एक्टिवेशन कोड पूछा जाएगा.
आशा बंडल पर अंकित यूनिक कोड को डायल कर पंच करेंगी. इसके बाद गांव के सब-सेंटर या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यक्रम आयोजित कर लाभार्थियों को पत्र वितरित किया जाएगा. केंद्र पर उपस्थित नहीं होने वाले लाभार्थियों का पत्र आशा द्वारा घर-घर जाकर वितरित किया जायेगा.
1.33 लाख लोगों को मिला कार्ड: जिले में अब तक 1.33 लाख लोगों का गोल्डन कार्ड बनाया जा चुका है. जबकि जिले में लगभग 23.70 लाख लोगों का गोल्डेन कार्ड बनाया जाएगा. गोल्डन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर लाभार्थियों का नि:शुल्क कार्ड बनाया जा रहा है. तिथिवार पंचायत स्तर पर कैंप लगाया जा रहा है.जिससे अधिक-से अधिक लाभुकों तक इस योजना का लाभ उपलब्ध हो सके. वर्ष 2011 के सामाजिक-आर्थिक एवं जातिगत जनगणना में चिन्हित गरीब परिवारों को इस योजना का पात्र बनाया गया है. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभार्थी परिवार पैनल में शामिल सरकारी या निजी अस्पतालों में प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक कैशलेस ईलाज करा सकते हैं.
योजना का लाभ उठाने के लिए उम्र की बाध्यता एवं परिवार के आकार को लेकर कोई बंदिश नहीं है. योजना को संचालित करने वाली नेशनल हेल्थ एजेंसी ने एक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. इसके जरिये लाभार्थी यह जान सकते हैं कि उनका नाम लिस्ट में शामिल है या नहीं.
लिस्ट में नाम जांचने के लिए लाभुक mera.pmjay.gov.in वेबसाइट देख सकते हैं या हेल्पलाइन नंबर 14555 पर कॉल कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. आयुष्मान भारत योजना में 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाता है.
आयुष्मान भारत के तहत कई रोगों का मुफ्त में इलाज
सिविल सर्जन डॉ. किशोर चन्द्र चौधरी ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत हड्डी, ऑर्थो, बर्न, नसबंदी, प्रसव, नवजात शिशु, इमरजेंसी रूम पैकेज, जानवर के काटने पर इलाज, शरीर के अंग के टूटने पर प्लास्टर, फूड प्वाइजनिंग, हाई फीवर, टीनएज, नवजात शिशु, जनरल सर्जरी, जनरल मेडिसिन आदि का मुफ्त ईलाज का प्रावधान है.