दो प्रभारी के वेतन भुगतान पर लगी रोक

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी लौकही एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बासोपट्टी के वेतन भुगतान पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है

By Prabhat Khabar News Desk | April 20, 2024 10:27 PM

मधुबनी . सरकार द्वारा आम लोगों को एनएचएम के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन एवं कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में सिविल सर्जन डॉ नरेश कुमार भीमसरिया ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी लौकही एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बासोपट्टी के वेतन भुगतान पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. साथ ही जिले के स्वास्थ्य संस्थानों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए अंचलाधिकारी को पत्र लिखने व संबंधित पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है. यह निर्देश उन्होंने शनिवार को हुई स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में दिया. वहीं सीएस ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को आगामी बैठक से पूर्व प्रमाण पत्र देने का निर्देश दिया कि उनके क्षेत्र अंतर्गत कोई भी स्वास्थ्य संस्थान अतिक्रमित नहीं है. सीएस ने कहा कि जख्म प्रतिवेदन 24 घंटे के अंदर तैयार कर थाना को उपलब्ध कराया जाए. साथ ही थाना प्रभारी के व्हाट्सएप पर भी जख्म प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया. टेलीमेडिसिन में शून्य प्रतिवेदित चिकित्सक से स्पष्टीकरण के साथ ही वेतन पर रोक लगाने का निर्देश दिया. आयुष्मान भारत योजना से प्राप्त राशि का 75 प्रतिशत अस्पताल के विकास एवं 25 प्रतिशत राशि चिकित्सकों एवं कर्मियों को प्रोत्साहन राशि के रूप में देने का निर्देश दिया. सीएस ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों में सतरंगी चादर, कंबल आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. साथ ही साफ-सफाई दवा, पथ्य आपूर्ति व रोस्टर के अनुसार चिकित्सा एवं कर्मी की उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया. गर्भवती महिलाओं का निबंधन प्रसव पूर्व जांच की समीक्षा के क्रम में सीएस ने कहा कि गर्भवती महिलाओं के निबंधन में जिला की औसत उपलब्धि 114 प्रतिशत है. प्रसव पूर्व जांच में जिला की औसत उपलब्धि 84 प्रतिशत है. सीएस ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को 10-10 सेशन साइट का निरीक्षण करने का निर्देश दिया. एएनएम द्वारा टीकाकरण कार्य करते हुए गर्भवती महिलाओं का आईडी जेनरेट किया जा रहा है या नहीं सुनिश्चित करने को कहा. गर्भवती महिलाओं को वितरण करने वाले आईएफए टैबलेट एवं कैल्शियम टेबलेट की समीक्षा की गई. जिसमें आईएफए टेबलेट वितरण में जिला का औसत उपलब्धि 89 प्रतिशत व कैल्शियम टेबलेट की वितरण में जिला का औसत उपलब्धि 89 प्रतिशत पाया गया. इस संबंध में सीएस ने निर्देश दिया की आशा एवं एएनएम को निर्देशित किया जाए की गर्भवती महिलाओं को आईएफए एवं कैल्शियम टेबलेट शत-प्रतिशत उपलब्ध कराया जाए. साथ ही कम उपलब्धि वाले स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को उपलब्धि बढ़ाने का निर्देश दिया. संस्थागत प्रसव की समीक्षा में जिला का औसत उपलब्धि 46 प्रतिशत से बढ़कर 48 प्रतिशत हुई है. गर्भवती महिलाओं को बिना किसी विशेष कारण निजी नर्सिंग होम में प्रसव के लिए भेजा जाता है तो संबंधित के विरुद्ध कठोर अनुशासनिक कार्रवाई करने को कहा. सी सेक्शन की समीक्षा में पाया गया कि केवल सदर अस्पताल में सी सेक्शन की सुविधा उपलब्ध है. एक सी सेक्शन अनुमंडलीय अस्पताल झंझारपुर में है. हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की समीक्षा के क्रम में निर्देश दिया गया कि जहां से रिपोर्टिंग नहीं किया जाता है उन संस्थानों को ससमय रिपोर्टिंग करने के लिए निर्देशित किया जाए. नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में कंप्लीट प्रतिरक्षण में जिला की उपलब्धि मात्र 81प्रतिशत पाई गई. समीक्षा के क्रम में पाया गया कि अधिकांश स्वास्थ्य संस्थानों में आशा द्वारा सर्वे रजिस्टर अपडेट नहीं किया जाता है. जिसके कारण अद्यतन ड्यू लिस्ट तैयार नहीं हो पता है. जिसके कारण टीकाकरण से कुछ बच्चे वंचित रह जाते हैं. बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया. सिविल सर्जन मतदान के दौरान प्रत्येक बूथ पर एक-एक आशा कार्यकर्ता को आवश्यक दवाओं के साथ प्रतिनियुक्ति करने को कहा. साथ हीट वेव संबंधी निर्देश का शत-प्रतिशत अनुपालन करने को कहा. बैठक में सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया, एसीएमओ डॉ. आरके सिंह एनसीडीओ डॉ एस एन झा, डीवीबीडीसीओ डॉ डीएस सिंह, अधीक्षक सदर अस्पताल, उपाधीक्षक अनुमंडलीय अस्पताल, डीपीएम पंकज कुमार मिश्र, डैम अभिनव कुमार सिन्हा, डीएमएनई सुनील कुमार, संतोष कुमार चौरसिया, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद, युनिसेफ के प्रमोद कुमार झा, डब्ल्यू एच ओ प्रतनिधि सहित सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक उपस्थित थे.

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