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सदर अस्पताल में मुंह कैंसर के मरीजों की हुई बायोप्सी जांच

होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के कंप्रिहेंसिव कैंसर केयर क्लिनिक की सदर अस्पताल की टीम के डीटीओ डा. अनुप्रिया, डॉ. रिया कश्यप, नर्सिंग स्टॉफ मीरा कुमारी और चंदा कुमारी, एमटीएस दिलीप कुमार सिंह ने बुधवार को हाईली सस्पेक्टेड मुंह कैंसर की पंच बायोप्सी की गई.

मधुबनी. होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के कंप्रिहेंसिव कैंसर केयर क्लिनिक की सदर अस्पताल की टीम के डीटीओ डा. अनुप्रिया, डॉ. रिया कश्यप, नर्सिंग स्टॉफ मीरा कुमारी और चंदा कुमारी, एमटीएस दिलीप कुमार सिंह ने बुधवार को हाईली सस्पेक्टेड मुंह कैंसर की पंच बायोप्सी की गई. सदर अस्पताल में होमी भाभा की टीम सुचारू रुप से स्तन, मुख और बच्चेदानी की जांच कर रही है. टीम द्वारा अभी तक 4 संदिग्ध मरीजों की बायोप्सी की गई है. संदिग्ध एवं अति संदिग्ध मरीजों की बायोप्सी, पैप स्मियर एवं वीआईए जांच के तहत रोगों की पुष्टि भी की जाती है. जिले में मुंह के कैंसर के मरीजों के लिए यह अच्छी खबर है. जिले के मुंह कैंसर के मरीजों को बायोप्सी कराने के लिए पटना या दिल्ली का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. सदर अस्पताल में ही बायोप्सी की सुविधा उपलब्ध है. मरीजों की नियमित रूप से बायोप्सी जांच की जा रही है. सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा है कि राज्य सरकार की पहल पर सदर अस्पताल में होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के कंप्रिहेंसिव कैंसर केयर क्लिनिक की टीम के चिकित्सक द्वारा बायोप्सी की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. बीपीएल कार्ड व आयुष्मान भारत कार्ड वाले लोगों की कैंसर की बायोप्सी पूरी तरह से नि:शुल्क रखी गई है. जिन लोगों के पास ये कार्ड नहीं हैं उनके लिए शुल्क 350 रुपये निर्धारित की गयी है. जो निजी संस्थानों से काफी कम है. इस सुविधा के शुरू होने से लोगों को काफी सहूलियत हो रही है. उन्होंने कहा कि कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान होने से मरीज का समय से इलाज संभव है.

कैंसर जांच करना होगा आसान

डॉ अनुप्रिया ने कहा कि बायोप्सी के माध्यम से आसानी और कम समय में कैंसर की पहचान हो जाती है. इसके लिए मरीज के मुंह के अंदर प्रभावित क्षेत्रों से टिशू नमूने के रूप में लिया जाता है. इसके बाद मशीन से उसकी जांच की जाती है. उन्होंने कहा कि बायोप्सी कई प्रकार की होती है. कई स्थानों पर ऑप्टिकल बायोप्सी की भी सुविधा है. उन्होंने कहा कि कैंसर की प्रारंभिक पहचान मरीज स्वयं कर सकते हैं. इसके लिए लक्षणों की पहचान जरूरी है. स्वयं जांच करने के लिए मरीज को अपने मुंह को साफ पानी से धोते हुए कुल्ला कर आइने के सामने अच्छी रोशनी में सफेद या लाल छाले, न ठीक होने वाले पुराने जख्म व घाव के साथ पूरा मुंह न खोल पाने जैसी बातों की जांच करनी है. यह परीक्षण महीने में एक बार अनिवार्य है. इससे कैंसर के लक्षणों की पहचान होगी. मुंह के कैंसर के प्रारंभिक लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.

मुंह कैंसर के लक्षण

डा. अनुप्रिया ने कहा कि मुंह में बनी रहने वाली किसी भी प्रकार की असहजता, घाव या दर्द की स्थिति में डॉक्टर से इलाज कराना बहुत ही आवश्यक है. यदि ये लक्षण दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक बनी रहती है तो इसे गंभीरता से लेते हुए डॉक्टर की सलाह के आधार पर जांच जरूर कराना चाहिए. यह कैंसर का संकेत हो सकता है. इसमें होठ या मुंह का घाव जो ठीक न हो रहा हो, मुंह के अंदर सफेद या लाल रंग का पैच नजर आना, दांतों में कमजोरी, मुंह के अंदर गांठ जैसा अनुभव होना, इसमें होने वाला दर्द. निगलने में कठिनाई या दर्द, मुंह से अक्सर बदबू आने की समस्या शामिल हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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