फाइलेरिया उन्मूलन को ले 20 जून से शुरू होग नाइट ब्लड सर्वे

जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 20 जून से नाइट ब्लड सर्वे की शुरु होकर 30 जून को संपन्न होगा. नाइट ब्लड सर्वे अभियान जिले के बिस्फी, बेनीपट्टी, पंडौल एवं मधुबनी शहरी क्षेत्र में होगा.

By Prabhat Khabar News Desk | June 14, 2024 9:13 PM

मधुबनी. जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 20 जून से नाइट ब्लड सर्वे की शुरु होकर 30 जून को संपन्न होगा. नाइट ब्लड सर्वे अभियान जिले के बिस्फी, बेनीपट्टी, पंडौल एवं मधुबनी शहरी क्षेत्र में होगा. नाइट ब्लू सर्वे रिपोर्ट के आधार पर चयनित प्रखंडों में सर्वजन दवा वितरण कार्यक्रम का आयोजन 10 अगस्त से किया जाएगा. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डीएस सिंह ने कहा कि वर्तमान में जिले में फाइलेरिया रोगियों की संख्या 1649 है. संभावित मरीजों का पता लगाने के लिहाज से नाइट ब्लड सर्वे बेहद महत्वपूर्ण है. शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी रात के समय ज्यादा सक्रिय होता है. इसके लिए नाइट ब्लड सर्वे संभावित रोगियों का पता लगाने का उचित माध्यम है. डॉ. सिंह ने कहा कि चयनित प्रखंडों में दो सत्र स्थलों का चयन किया गया है. यहां से 300 – 300 स्लाइड रक्त नमूने संग्रह किया जाएगा. नाइट ब्लड सर्वे रात 8:30 बजे के बाद होगा. इसमें 20 वर्ष से ऊपर के लोगों के रक्त का नमूना लिया जाएगा. दोनों सत्र स्थलों में से किसी एक स्थल में माइक्रो फाइलेरिया का दर 1 या 1 से अधिक होने पर उस प्रखंड में सर्वजन दवा वितरण कार्यक्रम चलाया जाएगा. जहां माइक्रो फाइलेरिया का दर एक से कम होगा वहां एमडीए अभियान नहीं चलाया जाएगा. अभियान के बाद संबंधित प्रखंडों में माइक्रो फाइलेरिया का प्रसार है या नहीं, इसके सत्यता की जांच के लिए फ्री- टास्क किया जाएगा. नाइट ब्लड सर्वे एमडीए राउंड से 1 या डेढ़ माह पूर्व व अभियान खत्म होने के 6 माह बाद किया जाता है. एक महीना पूर्व करने का तात्पर्य लोगों में माइक्रो फाइलेरिया का संक्रमण है या नहीं इसके चयन एवं 6 माह बाद एमडीए राउंड का प्रभाव कितना हुआ यह देखने के लिए किया जाता है.

सामूहिक भागीदारी से जड़ से खत्म होगा फाइलेरिया

डॉ डीएस सिंह ने कहा कि सामूहिक प्रयास से फाइलेरिया का उन्मूलन संभव है. इसके जांच के लिये लोगों को आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि फाइलेरिया एक असाध्य बीमारी है. फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को रोग का पता वर्षों बाद चलता है. तब तक बीमारी लाइलाज हो चुका होता है. शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी रात के समय ज्यादा सक्रिय होते हैं. नाइट ब्लड सर्वे संभावित रोगियों का पता लगाने का बेहतर जरिया है.

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग की रणनीति

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2030 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2027 तक उन्मूलन करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए प्रतिवर्ष सर्वजन दवा वितरण कार्यक्रम के तहत 2 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को दवा खिलाई जाती है. इसके लिए आम लोगों को जागरूक होना होगा. इसके बाद ही अभियान को सफल बनाया जा सकता, और हमारा समाज फायलेरिया से मुक्त हो सकता है.

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