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अल्पसंख्यक रोजगार ऋण जमा करने को 26 से लगेगा शिविर

अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना एवं मुख्यमंत्री शिक्षा ऋण योजना है. इसके तहत मधुबनी के हजारों अल्पसंख्यकों ने ऋण प्राप्त किया था. ऋण उपलब्ध कराने के दौरान सरकार यह स्पष्ट कर चुकी थी कि ऋण में कुछ छूट मिलेगी.

मधुबनी: अल्पसंख्यकों के हित में सरकार की ओर से करीब दर्जन भर योजनाएं संचालित की गई है. अल्पसंख्यक समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर लोग अपने पैरों पर खड़ा हो सके, इसके लिए सूबे की सरकार एक योजना लागू की थी, जिसका नाम मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना एवं मुख्यमंत्री शिक्षा ऋण योजना है. इसके तहत मधुबनी के हजारों अल्पसंख्यकों ने ऋण प्राप्त किया था. ऋण उपलब्ध कराने के दौरान सरकार यह स्पष्ट कर चुकी थी कि ऋण में कुछ छूट मिलेगी. शेष राशि सरकारी खजाने में जमा कराना होगा. बहुत सारे लोग ऋण लेकर भूल गए कि उन्हें ऋण लौटना भी है. ऋण वसूली के लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय में 26 से 28 जून तक कैंप का आयोजन किया गया है. जहां ऋण ले चुके लोग ऋण जमा कर सकेंगे.

सरकार ने दिलाई ऋण जमा करने की याद

जो लोग ऋण लेकर भूल गए है, उन्हें सरकार याद दिला रही है. यानी ऋण चुकता करने के लिए तगादा कर रही है. फिर भी बहुत सारे ऋणी कर्ज चुकता करने से पीछे हट रहे है. सरकार भी ऐसे लोगों से ऋण की वसूली के लिए कमर कस चुकी है. ऋण की राशि लौटाने के लिए सरकार काफी प्रयास कर चुकी है. ऐसे ऋणियों को सरकार ने अंतिम मौका दिया है कि वे ऋण चुकता कर दें. वर्ना कार्रवाई के लिए तैयार रहे.

ऋणियों को 28 जून तक का मिला मौका

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने मधुबनी में अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना के ऋणियों को 26 से 28 जून तक ऋण चुकता करने का मौका दिया है. निर्धारित तिथि तक ऋण का भुगतान नहीं करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी जाने की चेतावनी जारी की गई है. किसी ऋणी को ऋण चुकता करने में कोई परेशानी न हो, इसे लेकर विभाग ने जिले में 26 से 28 जून तीन दिवसीय शिविर लगायेगी. विभाग द्वारा अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी को शिविर के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार कराने को कहा है. ताकि अधिक से अधिक ऋणियों से ऋण की वसूली की जा सके.

ऋण जमा नहीं करने पर होगी कार्रवाई

जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहायक निदेशक हेमंत कुमार ने कहा कि ऋण की राशि जमा करने को लेकर विभाग द्वारा कड़ा रूख तैयार किया गया है. यानी 28 जून के बाद कोई मौका देने के मूड में नहीं है. जारी पत्र में यह क्लियर कर दिया गया है कि शिविर में ऋण का भुगतान नहीं करने पर संबंधित ऋणियों से ब्याज के साथ दंड की राशि की भी वसूली की जायेगी. इतना ही नहीं, ऐसे ऋणियों के खिलाफ दीवानी और फौजदारी मुकदमा भी किया जा सकता है. कहा गया है कि शिविर में ऋण चुकता नहीं करने वाले ऋणियों का बाद में कोई जवाब स्वीकार नहीं किया जायेगा. कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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