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हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर लगाया कैंसर जागरूकता व स्क्रीनिंग कैंप

सदर अस्पताल की डीटीओ डॉ रिया कश्यप की अगुवाई में कैंसर जागरूकता व स्क्रीनिंग कैम्प का आयोजन किया गया.

मधुबनी. रहिका प्रखंड के नजरा हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर गुरुवार को होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के कॉम्प्रिहेंसिव कैंसर केयर क्लिनिक सदर अस्पताल की डीटीओ डॉ रिया कश्यप की अगुवाई में कैंसर जागरूकता व स्क्रीनिंग कैम्प का आयोजन किया गया. कैंप में कैंसर के प्रकार, मुख्य लक्षणों, जांच और इलाज के संबंध में सीएचओ, आशा कार्यकर्ता सहित जांच कराने आए मरीजों को जागरूक किया गया. जांच के दौरान हाईली सस्पेक्टेड मुख कैंसर के दो मरीज चिह्नित किये गये. कैंप में 70 लोगों की जांच की गई. कैंप में गैर संचारी रोगों की जांच के लिए आए सभी लोगों के कैंसर की संभावित लक्षणों की जांच करने के साथ ही होमी भाभा कैंसर अस्पताल की चिकित्सक डा. रिया ने कैंसर से सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक परामर्श दिया. लोगों को जानकारी दी गई कि कैंसर जैसी भयावह बीमारी अब लाइलाज नहीं है. समय पर इसकी पहचान होने पर इसका इलाज किया जा सकता है. कैंप में आने वाले मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर उसे बेहतर चिकित्सा के लिए होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर जो टाटा स्मारक केंद्र मुंबई की इकाई है में भेजा जाएगा जहां लोग इलाज करवा सकते हैं. टाटा मेमोरियल की डीटीओ डॉ रिया ने कहा कि जिले में टाटा मेमोरियल मुंबई की इकाई कैंसर रोगियों की स्क्रीनिंग कर रही है, जिसकी मुख्य इकाई मुजफ्फरपुर में है. इतने कम समय में होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल और अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर ने बिहार में कैंसर के इलाज के साथ रोकथाम के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किया है. होमी भाभा कैंसर अस्पताल की चिकित्सक डा. अनुप्रिया ने कहा कि उत्तर बिहार के लोगों को कैंसर के इलाज के लिए पहले दूसरे शहरों में पलायन करना पड़ता था. इसमें कई ऐसे लोग होते है, जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होते, वैसे मरीजों के लिए टाटा स्मारक केंद्र ने मुजफ्फरपुर में अपनी इकाई खोली है. ताकि सब्सिडी रेट में उनका इलाज सम्भव हो सके. इसके लिए अस्पताल आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकारी योजना के लाभ भी प्रदान कराने में मदद करती है. डॉ. अनुप्रिया ने कहा कि शरीर का कोई भी भाग कैंसर का शिकार हो सकता है. सामान्यतः लोग मुंह का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर एवं महिला वर्ग में स्तन कैंसर के शिकार होते हैं. शरीर के किसी भी अंग में सूजन होना, गांठ या कड़ापन पाया जाना, तिल एवं मस्से के आकार या रंग में परिवर्तन, शरीर के किसी घाव का नहीं भरना, लगातार बुखार और वजन में कमी होना, मूत्र विसर्जन में कठिनाई होना या इस दौरान रक्त निकलना, 3 सप्ताह से अधिक खांसी होना या आवाज में परिवर्तन आना, मुंह में अधिक समय तक छाला या पैच का होना जो ठीक नहीं हो रहा हो, 4-6 सप्ताह या उससे ज्यादा समय तक पतला दस्त का होना, महिलाओं में स्तन के आकार में परिवर्तन या रक्त का रिसाव, रजो निवृत्ति के बाद भी रक्तस्राव का होना इत्यादि कैंसर के सामान्य लक्षण हैं. किसी व्यक्ति को शरीर में ऐसे लक्षण दिखाई दे, तो उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच करानी चाहिए. समय पर कैंसर की पहचान होने से इसका इलाज आसानी से सम्भव है. इस अवसर पर डा. रिया द्वारा आशा कर्मियों को स्तन कैंसर की पहचान संबंधित प्रशिक्षण भी दिया गया. मौके पर डीटीओ डॉ अनुप्रिया, चंदन कुमार, मीरा कुमारी, चंदा कुमारी, प्रभाकर कुमार, दिलीप कुमार सिंह सहित कई स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे.

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