मधुबनी. सदर अस्पताल के लिपिक दयानंद सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत से सिविल सर्जन द्वारा किये गये स्थानांतरण को रद्द करने की गुहार लगायी है. साथ ही सिविल सर्जन पर अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने का भी आरोप लगाया है. अपने आवेदन में लिपिक ने कहा है कि सिविल सर्जन कार्यालय में दो लिपिक 2012 से पद स्थापित हैं. वहीं कई लिपिक को सदर अस्पताल से स्थानांतरित कर सदर अस्पताल परिसर में स्थित दूसरे कार्यालय में पदस्थापित किया गया है. इन लिपिक पर कोई भी स्थानांतरण नियमावली लागू नहीं होती है. अपने आवेदन में श्री सिंह ने आरोप लगाया है कि जब वे वित्तीय संबंधी संचिका लेकर सिविल सर्जन कार्यालय कक्ष में जाता था तो सिविल सर्जन द्वारा अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया जाता था. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि प्रोन्नत मामले में भी वरीयता की अनदेखी की गई है. इस संबंध में सिविल सर्जन डा नरेश कुमार कुमार भीमसारिया ने कहां है कि लिपिक के विरुद्ध जिला लोक शिकायत निवारण प्राधिकार में एक व्यक्ति ने आवेदन दिया गया था. जिसका संज्ञान लेते हुए जिला पदाधिकारी ने जांच का निर्देश दिया था. जिला पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन कर लिपिक पर लगाए गए आप की जांच की गई. जांच के बाद प्रतिवेदन जिला पदाधिकारी को समर्पित किया गया. जांच प्रतिवेदन पर अपना मंतव्य देते हुए जिलाधिकारी ने कार्रवाई के साथ ही स्थानांतरण का निर्देश दिया. जिला पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में उनका स्थानांतरण अनुमंडलीय अस्पताल फुलपरास में लिपिक के पद पर किया गया है.
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