मधुबनी. कैथी लिपि में जमीन का दस्तावेज होना नगर निगम के लिए समस्या बनी हुई है. तत्कालीन नगर परिषद अब नगर निगम की अचल संपत्तियों में शामिल अधिकांश जमीन का दस्तावेज कैथी लिपि में होने से निगम की अतिक्रमित जमीन को खाली कराने में कठिनाई हो रही है. निगम की जमीन का कागजात कैथी में होने से निगम की करीब दस बीघा जमीन अतिक्रमण के चपेट में है. नगर निगम (तत्कालीन नगर परिषद) के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा वर्ष 2012 में तत्कालीन जिलाधिकारी को निगम की जमीन (अंचल संपति) की सूची सौंपी गई थी. सौंपी गई सूची के अनुसार निगम की 33 बीघा 18 कट्टा 14 घुर 33 धुरकी जमीन को विकसित कर राजस्व बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था. सूची में शामिल नगर निगम की जमीन डीएम को सौंपी गई सूची के अनुसार नगर निगम की जमीन (अचल संपत्ति) में सप्ता स्थित टचिंग ग्राउंड, भौआड़ा हाट, शहर के अनंत लाल चौक से पूरब बमपुलिस नाका से दक्षिण डबरा, गदियानी से दक्षिण ब्रहास्थान, डबरा, जवाहर प्रसाद के घर से उत्तर पोखरा, गोकुल बली मन्दिर से उत्तर गड्ढा, लक्ष्मी यादव मकान के समीप बमपुलिस, थाना चौक, नीलम टाकिज के पास मकान, अशोक बाजार स्थित मकान, खेतिहर जमीन, वद्धशाला की जमीन, मवेशी वद्धशाला की खाली जमीन, शौचालय की जमीन, स्कूल का जमीन, इनारा की खाली जमीन, अग्रवाल टोल स्थित जमीन व तालाब का भिंडा, शीकलगढ़ मुहल्ला स्थित खाली जमीन के अलावे शहर के विभिन्न हिस्सों में 15 कुआं व उसकी जमीन शामिल है. इसके अलावे निगम कार्यालय परिसर, तालाब एवं भिंडा व केनाल की जमीन शामिल है. निगम की जमीन के कागजातों को खंगालने के साथ ही उसे कैथी से हिंदी में अनुवाद करायी जाएगी. नगर आयुक्त अनिल चौधरी ने कहा है कि निगम कार्यालय में उपलब्ध जमीन संबंधी दस्तावेजों को कैथी के जानकार से हिंदी में अनुवाद करायी जाएगी. इससे निगम की सभी जमीनों को चिन्हित करना सुलभ होगा. जमीन चिन्हित होने के बाद अतिक्रमण खाली कराने की कार्रवाई की जाएगी.
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