Madhubani News. मधुबनी. बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के सदस्यों ने अपनी 10 सूत्री मांग के समर्थन में गुरुवार को समाहरणालय के सामने प्रदर्शन किया. इससे पहले संगठन के सदस्यों ने शहर में जुलूस गुरुवार निकालकर अपनी मांगों के प्रति प्रतिबद्धता जतायी. प्रदर्शन के बाद हुई सभा की अध्यक्षता आनंद मोहन चौधरी ने की. सभा को संबोधित करते हुए कर्मचारी महासंघ के जिला महामंत्री गणपति झा ने पीएफआरडीए कानून को रद्द कर पुरानी पेंशन नीति बहाल करने, पुरानी पेंशन बहाली करने वाले राज्यों के एनपीएस में जमा अंश दान को वापस कर इपीएस 95 के सभी लोगों को पुरानी पेंशन के दायरे में लाने की मांग की. उन्होंने ठेका पर नियोजित कर्मियों को नियमित कर ठेका, संविदा, आउटसोर्स से भर्ती पर रोक लगाने व रिक्त पदों पर नियमित भर्ती करने की भी मांग की. सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने निजीकरण व निगमीकरण पर रोक लगाने, पांच साल में एक बार पेय रिविजन करने, पेंशन भोगियों एवं संविदा कर्मियों के लिए कैसलेश उपचार सहित स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने की मांग किया. सभा को संबोधित करते हुए आनंद मोहन चौधरी ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को वापस लेने, संविधान के अनुच्छेद 310, 311(2) ए, बी एवं सी को निरस्त किया कर नये तीन आपराधिक कानून वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि संविधान में धर्मनिरपेक्षता को बनाए रखने की जरूरी है. उन्होंने सांप्रदायिकता को कड़ाई से रोकने के लिए ठोस नीति निर्माण करने, आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर दस लाख करने सहित प्रधानमंत्री के नाम 10 सूत्री मांग पत्र जिला पदाधिकारी को सौंपा. सभा को रमण प्रसाद सिंह, प्रद्युम्न् झा, राजेन्द्र यादव, चंदन कुमार, अजीत सिंह, विजय कुमार, किशोर यादव, राजेंद्र कुमार सिंह, श्याम नारायण सिंह, मुक्ति लाल चौधरी, राधा देवी, मीरा कुमारी ने भी संबोधित किया.
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