Madhubani News : अगले दो तीन दिन तक छाया रहेगा घना कोहरा, रात के तापमान में और गिरावट के आसार

रोजाना तापमान में उतार चढ़ाव जारी है. सोमवार को जहां तेज धूप से लोगों ने राहत का सांस ली थी.

By Prabhat Khabar News Desk | January 21, 2025 10:41 PM

मधुबनी.

रोजाना तापमान में उतार चढ़ाव जारी है. सोमवार को जहां तेज धूप से लोगों ने राहत का सांस ली थी. बच्चे खेलने के लिये मैदान में आये. वहीं, मंगलवार को एक बार फिर घना कोहरा और दिन भर आसमान में बादल छाया रहा. कनकनी काफी बढ़ गयी. लोग ठंड से बचने के लिये कहीं अलाव तो कहीं कंबल का सहारा लिये. मंगलवार को अधिकतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से करीब तीन डिग्री सेल्सियस कम रहा. वहीं न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. जो सामान्य से करीब 2 डिग्री सेल्सियस कम रहा.

छाया रहेगा घना कोहरा

मौसम विभाग के अनुसार अगले दो तीन दिनों तक सुबह में घना कोहरा छाया रहेगा. वहीं, रात में तापमान में अधिक गिरावट हो सकती है. मौसम वैज्ञानिक ए सत्तार ने बताया है कि रात के समय में तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है. वहीं दिन में काफी देर तक कोहरा छाया रहेगा. धूप निकलने की संभावना काफी कम है.

बच्चों का रखें खयाल

सर्द मौसम के कारण लोगों की दिनचर्या में भी बदलाव हो रहा है. ऐसे में संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है. बच्चे ठंड के कारण पानी पीने की मात्रा कम कर देते हैं, जो डिहाइड्रेशन का बड़ा कारण बन जाता है. इससे बच्चों को कोल्ड डायरिया से जूझना पड़ता है. इसको लेकर अभिभावकों को बच्चों के प्रति ठंड में सावधानी बरतनी चाहिए. ताकि, उन्हें संक्रमित बीमारियों से बचाया जा सके. कोल्ड डायरिया शिशुओं व बच्चों को उनके शरीर के डिहाइड्रेट तथा सर्दी-जुकाम होने से आसानी से पकड़ लेता है. ससमय इसका प्रबंधन व इलाज नहीं होने से यह उनके लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है. कोल्ड डायरिया के सबसे ज्यादा मामले शुरुआती ठंड में होता है. इस दौरान बरती गई लापरवाही मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाती है और संक्रमण के चलते उल्टी-दस्त की समस्या शुरु हो जाती है.

बच्चों के संक्रमित होने की बढ़ जाती है संभावना :

सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विवेकानंद पाल ने कहा कि, ठंड के कारण बच्चों के संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है. इसके कारण बच्चे कोल्ड डायरिया, दस्त, भूख न लगना, कंपकपी लगना, शरीर में पानी की कमी के साथ पैरों में ऐठन, दिन भर सुस्ती बने रहना, पेट में दर्द आदि जैसी शारीरिक समस्याओं के बढ़ने की संभावना प्रबल हो जाती हैं. अधिक ठंड में निमोनिया की भी समस्या काफी हद तक बढ़ जाती हैं. फेफड़ों में इनफेक्शन व लगातार खांसी आना, सीने में खड़खड़ाहट की आवाज आना और सांस तेज चलना, चेहरा नीला पड़ना, पसली चलना व कमजोरी और लगातार फीवर बने रहने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. ठंड में पानी कम पीना और लगातार दस्त होने पर डिहाइड्रेशन की समस्या पैदा होती है. इसलिए छह माह से ऊपर के बच्चों को ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) एवं जिंक का घोल सही मात्रा में अवश्य पिलाना चाहिये. इसके साथ ही, उनको गुनगुने पानी का सेवन कराएं.

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