देसी पान बाजार से गायब, बंगाली पान खाने को लोग विवश
मछली,पान व माखन के लिए प्रसिद्ध मधुबनी आज स्वयं दूसरे प्रदेशों से आने वाले पान पर निर्भर हो गया गया. मधुबनी की देशी पान की लाली अब यहां के लोगों के मुख से गायब हो गयी है.
मधुबनी. मछली,पान व माखन के लिए प्रसिद्ध मधुबनी आज स्वयं दूसरे प्रदेशों से आने वाले पान पर निर्भर हो गया गया. मधुबनी की देशी पान की लाली अब यहां के लोगों के मुख से गायब हो गयी है. उड़ीसा व बंगाल से आये पान अब यहां के बाजारों में बिक रहा है. यहां के लोग अब छह माह देशी पान व छह माह बंगाल व उड़ीसा से आये पान विधि व्यवहारों,पूजा पाठों एवं खाने में उपयोग करते हैं. कीमत में भारी वृद्धि बाजार में इन दिनों पान की कीमतों में भारी वृद्धि हो गयी है. बाजार से मिली जानकारी के अनुसार 15 दिन पहले 50 रुपये से सौ रुपये ढोली (200 पत्ते का बंडल) मिलता था. वहीं आज पान एक सौ से दो सौ रुपये ढोली मिल रहा है. पान के कीमतों में अचानक हुए इस वृद्धि के संबंध में दुकानदार विशम्भर प्रसाद बताते हैं कि पानी नहीं होने के कारण देशी पान की खेती बुरी तरह प्रभावित हुआ है. पान की फसल सुख गया है. अब बाहर उड़ीसा के पूरी,कटक एवं बंगाल के विभिन्न शहरों में कोलकाता, तामलुक ओंडा, विष्णुगंज सहित अन्य शहरों से पान की आपूर्ति ट्रेन के माध्यम से होती है. मधुबनी रेलवे स्टेशन में पार्सल की सुविधा नहीं रहने के कारण पान के पार्सल को दरभंगा स्टेशन पर उतारा जाता है. वहां से पिकअप के माध्यम से पान की खेप को मधुबनी मुख्यालय लाया जाता है. खर्चा बहुत बढ़ जाता है. इसलिए पान की कीमतों में वृद्धि हो गया है. 800 से 1000 रुपये ढोली बिक रहा मीठा पत्ता पान मीठा पत्ता पान के शौकीन के लिये जेब पर और अधिक बोझ पड़ रहा है. यह पान का पत्ता साधारण पान के पत्ते से काफी महंगा होता है. अभी बाजार में मीठा पान का पत्ता आठ सौ से हज़ार रुपये ढोली मिल रहा है. दुकानदार विश्वंभर कामत ने बताया कि मीठा पत्ता पान की उपज मिथिलांचल में कहीं नहीं होता है. इसके लिए बंगाल पर ही निर्भर रहना होता है. उन्होंने बताया कि दिसंबर माह जाते जाते मीठा पत्ता के भाव आसमान छू जाता है. दिसंबर माह में इसकी कीमत 1600 से 1800 रुपये प्रति ढोली हो जाता है. पर मीठा पत्ता की मांग रहने के कारण मंहगे कीमत पर भी यह बिकता है. अगस्त से फरवरी तक मिलता है देशी पान बाजार में देशी पान के पत्ते दिसंबर माह से अप्रैल माह उपलब्ध रहता है. दुकानदार ने बताया कि देशी पान का स्वाद बंगाली पान से बेहतर होता है. इसकी कीमत भी अपेक्षाकृत कम होता है. शुरुआत में यह 30 से 50 रुपये ढोली बिकता है. बाजार में देशी पान के आने से बंगाल के पान की आवक काफी कम हो जाती है. जिला में देशी पान की खेती मंगरौनी, पिलखवार, ककरोल, सोनमनी, जंक्शन, मधेपुर, कमलपुर, मालिया टोल, भगवतीपुर, बिरौल, रैमा सहित दर्जनों गांव में होती है.
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