भीषण गर्मी के मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग ने जारी की गाइड लाइन
भीषण गर्मी एवं लू ( हीट वेव)से बचने के संबंध में आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने गाइडलाइन जारी किया है.
मधुबनी. भीषण गर्मी एवं लू ( हीट वेव)से बचने के संबंध में आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने गाइडलाइन जारी किया है. अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि सूबे में गर्मी के मौसम में भीषण गर्मी के साथ लू चलती है. जिसके कारण जनजीवन प्रभावित होता है. आम जनता को स्वास्थ्य एवं पेयजल संबंधी गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है. विशेष कर छोटे बच्चों, स्कूली बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं एवं काम के लिए बाहर निकलने वाले दिहाड़ी मजदूरों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. साथ ही पेयजल संकट की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में यह आवश्यक है कि राज्य सरकार के विभागों द्वारा आम जनों के भीषण गर्मी एवं लू से बचाव के लिए कारगर उपाय से संबंधित कार्रवाई की जाए. लू से बचाव के लिए जिला स्तर पर जागरूकता अभियान तथा लू के दौरान क्या करें क्या ना करें का प्रचार प्रचार कराने के संबंध में नगर विकास एवं आवास विभाग को अपर सचिव ने लिखा है. शहरी क्षेत्र में सार्वजनिक जगहों पर स्थानीय निकायों द्वारा पीयाओ की व्यवस्था सुनिश्चित करने, इन स्थानों पर गर्म हवाओं एवं लू से बचाव से संबंधित सूचनाओं एवं अलर्ट को कलर कोडिंग के साथ प्रदर्शित करें ताकि आमजन इसे भली-भांति अवगत हो सके. अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत खराब चापाकलों का मरम्मत युद्ध स्तर पर कराएं. नगरीय क्षेत्रों में अवस्थित आश्रय स्थलों में पेय जल तथा स्लम क्षेत्र के निवासियों के लिए आकस्मिक दवाओं की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पतालों, सदर अस्पताल, मेडिकल कॉलेज में लू से प्रभावितों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था करने, सभी स्वास्थ्य केदो एवं अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पैकेट रखने को कहा है. उन्होंने आइभी फ्लूड एवं जीवन रक्षक दवा की व्यवस्था करने, अत्यधिक गर्मी से पीड़ित व्यक्तियों के इलाज के लिए आवश्यकतानुसार अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था करने एवं लू से पीड़ित, बच्चों, बूढ़ों, गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखने का निर्देश दिया है. पीएचईडी विभाग को दिए निर्देश में कहा कि खराब चापाकल का मरम्मत युद्ध स्तर पर करें. इसके लिए संबंधित जिला पदाधिकारी समीक्षा कर निर्णय ले सकते हैं.