Madhubani News़ मिथिला विभूति स्मृति पर्व समारोह के पहले दिन मिथिला की संस्कृति पर चर्चा

कटैया रोड स्थित श्री लीलाधर प्लस टू उच्च विद्यालय परिसर में मिथिलांचल सर्वांगीण विकास संस्थान के तत्वावधान में आयोजित 3 दिवसीय 40 वां ''''मिथिला विभूति स्मृति पर्व समारोह का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 14, 2024 10:43 PM
an image

Madhubani News़ बेनीपट्टी . प्रखंड मुख्यालय के कटैया रोड स्थित श्री लीलाधर प्लस टू उच्च विद्यालय परिसर में मिथिलांचल सर्वांगीण विकास संस्थान के तत्वावधान में आयोजित 3 दिवसीय 40 वां ””””मिथिला विभूति स्मृति पर्व समारोह का आयोजन किया गया. समारोह का उद्घाटन विधायक विनोद नारायण झा, सुप्रसिद्ध शिक्षा न्यासी डॉ. संत कुमार चौधरी, भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ. बीझा मृणाल समेत अन्य ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्जवलित व विद्यापति की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष अमरनाथ झा भोलन ने की और मंच संचालन प्रधान महासचिव रामबरण राम ने किया. वहीं विधायक विनोद नारायण झा ने कहा कि कवि-कोकिल विद्यापति मिथिला भाषा के आदि कवि हैं. वे अपने 95 वर्षों के जीवनकाल में महाकवि विद्यापति कुछ न कुछ करते रहे. उन्होंने सिर्फ साहित्य की ही रचना नहीं की बल्कि सामाजिक कुरीतियों को भी ढूंढकर उसके समाधान का प्रयास किया. मिथिला की धरती रत्नगर्भा है. आज मिथिला सहित दुनिया की संस्कृति पर खतरा उत्पन्न हो गया है, जिसको बचाना आवश्यक है. महाकवि विद्यापति सहित मिथिला के सभी विभूतियों के मार्गों को अपनाना हमारे लिए अपनी संस्कृति व सभ्यता की रक्षा के लिए जरुरी है. इससे पूर्व मैथिली की सुप्रसिद्व गायिका सुभद्रा झा एवं भगवान जी झा ने गोसाउनिक गीत एवं स्वागत गान प्रस्तुत किया. इस दौरान हास्य कवि शंभू शिखर ने कहा कि इस मंच पर आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. उन्होंने ””””मन में रखने काशी छी-हम सब मिथिलावासी छी””””, ””””हम्मर पसीना खेत में बहिकय धरती केर श्रृंगार बनल””””, ””””हम श्रमनायक हैं भारत के और मेघा के अवतारी हैं””””, जैसी मैथिली व हिंदी कविताओं का पाठ कर और बिहार गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. अध्यक्ष अमरनाथ झा भोलन ने कहा कि बेनीपट्टी की धरती मिथिला की आत्मा है. सबके सहयोग से बेनीपट्टी में पिछले चालीस वर्षों से लगातार मिथिला विभूति स्मृति पर्व समारोह का आयोजन होता आ रहा है. शिक्षाविद प्रो. योगानंद झा ने कहा कि पूरे देश व विश्व में एक विद्यापति ही एक ऐसे महाकवि थे, जिन्होंने खुलकर अपनी भाषा का डंका बजाया और कहा कि इसको कोई आंख नहीं दिखा सकता है वक्ताओं ने एक स्वर में विगत चालीस वर्षों से बेनीपट्टी में इस समारोह के माध्यम से मिथिला की संस्कृति व सभ्यता की रक्षा और अपने पूर्वजों को याद करने के लिए संस्थान को धन्यवाद दिया. समारोह में संस्थान के पदाधिकारी नंद कुमार झा, डॉ. एमटी रेजा, डॉ. नवीन झा, ललित झा, शत्रुधन झा, भाग्यनारायण मिश्र उपस्थित थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version