मधुबनी. भाकपा-माले के जिला कार्यालय में कामकाजी महिलाओं का समागम हुआ. समागम को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव सह एमएलसी शशि यादव ने कहा कि भाजपा की नीतीश सरकार कामकाजी महिलाओं के पेट पर लात मार रही है और अफसरों को लूट की छूट दे रही है. पूरी दुनिया में जग हंसाई हो रही है कि 1650 रुपये मासिक मानदेय पर विद्यालय रसोइयों से काम लिया जा रहा है. ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान की रीढ़ आशाओं को जीने लायक भी मासिक मानदेय नहीं दिया जा रहा है. आशाओं के मासिक मानदेय वृद्धि के समझौते को लागू करने को लेकर मुख्यमंत्री आना कानी कर रहे हैं. न्यायपूर्ण मांगों को लेकर आंदोलन करने वाले जीविका कैडर को प्रताड़ित किया जा रहा है. आंगनबाड़ी की महिलाओं को देश में सबसे कम मानदेय बिहार में मिलता है. उन्होंने कहा कि कामकाजी महिलाओं और मनरेगा मजदूरों ,बिद्धुतकर्मी का शोषण इसलिए हो रहा है क्योंकि हम एकजुट होकर नहीं लड़ते हैं. कहा कि भाकपा माले ने अपने अपने मुद्दे को लेकर संघर्षरत समूहों को एकमंच पर लाकर सरकारी तानाशाही के खिलाफ अभियान शुरु किया है. इसके तहत 25 जनवरी को समागम होगा और 9 मार्च को पटना के गांधी मैदान में महा जुटान होगा. महिला समागम को संबोधित करते हुए माले जिला सचिव ध्रुव नारायण कर्ण ने कहा कि बड़ी संख्या में कामकाजी महिलाएं मधुबनी से पटना के महा जुटान में हजारो की संख्या में भाग लेंगी. भाकपा-माले सरकार के खिलाफ लड़ने वाली जनता को जोड़ने में सेतु का काम कर रही है. बैठक को खेग्रामस के नेता श्याम पंडित, आइसा के नेता मयंक कुमार यादव, बिद्दालय रसोईया संघ के उपेंद्र यादव, योगेंद्र यादव, नरेश पासवान, आशा संघ के जुली मिश्रा, पिंकी कुमारी, पुनीता कुमारी, मिनाक्षी देवी सहित अन्य लोगों ने भी संबोधित किया.
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