विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों ने ली शपथ
विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर शुक्रवार को सदर अस्पताल के एनसीडी क्लीनिक स्थित होमी भाभा कैंसर अस्पताल के चिकित्सक एवं एएनएम हॉस्टल की छात्राओं ने सदर अस्पताल परिसर में जागरुकता रैली निकाली.
मधुबनी. विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर शुक्रवार को सदर अस्पताल के एनसीडी क्लीनिक स्थित होमी भाभा कैंसर अस्पताल के चिकित्सक एवं एएनएम हॉस्टल की छात्राओं ने सदर अस्पताल परिसर में जागरुकता रैली निकाली. इस अवसर पर चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को “ज़िन्दगी चुनें, तम्बाकू नहीं ” का शपथ डीपीएम पंकज मिश्रा ने दिलाई. स्वास्थ्य कर्मियों ने शपथ ली कि जीवन में हम कभी भी किसी भी तरह के तंबाकू उत्पादों का सेवन नहीं करेंगे. अपने परिजनों एवं परिचितों को भी तंबाकू उत्पादों एवं किसी भी नशे का सेवन नहीं करने के लिए प्रेरित करेंगे. एनसीडी क्लीनिक में जांच के लिए आने वाले मरीजों को किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पादों का सेवन नहीं करने के लिए जागरूक किया गया. इस अवसर पर पर सिविल सर्जन डा. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि नशा भले ही शान और लत के लिए किया जाता हो पर यह जिंदगी की बेवक्त आने वाली शाम का भी मुख्य कारण है. लोग भले ही इसका मजा दिन भर के कुछ समय के लिए लेते हैं. लेकिन यह मजा कब लोगों के लिए जिंदगी भर की सजा बन जाए, अंदाजा भी नहीं लगा सकते. 40 प्रतिशत कैंसर सिर्फ तम्बाकू सेवन से होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एवं अनुसंधान केंद्र इकाई की डा. अनुप्रिया ने कहा कि होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र तम्बाकू निषेध के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि जनवरी से अप्रैल तक जिले में 15858 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी. जिसमें ओरल कैंसर के 41 संभावित मरीजों को चिन्हित किया गया. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि आने वाले समय में टाटा मेमोरियल सेंटर मधुबनी और बिहार से लोग इलाज के लिए नहीं आयें. उन्होंने कहा कि तम्बाकू की रोकथाम के लिए दो स्तरों पर काम किया जा रहा है. पहला सरकार और संस्थाओं के साथ मिलकर एवं दूसरा समाज मे जागरूकता अभियान चलाकर. उन्होंने कहा कि 40 प्रतिशत कैंसर सिर्फ तम्बाकू के सेवन से होता है. तम्बाकू छोड़ें विजेता बनें जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. एसएन झा ने कहा कि हमलोगों का स्लोगन है, “तम्बाकू छोड़ें, विजेता बने. ” आज हर तम्बाकू उत्पाद पर यह लिखा रहता है कि तम्बाकू स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. लेकिन फिर भी लोग इसका सेवन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तम्बाकू छोड़ना नामुमकिन नहीं है. भारत सरकार ने इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर 1800-11-2356 जारी किया है. इस नंबर पर फोन करने पर विशेषज्ञ के द्वारा जब तक तम्बाकू की लत नहीं छूटता तब तक काउंसिल की जाती है. डॉ. झा ने कहा कि तम्बाकू का सेवन 15 से 22 वर्ष उम्र के लोग ही शुरू करते है. मुंह के कैंसर से ग्रसित 70 से 80 प्रतिशत लोगों की मृत्यु हो जाती है. बच्चों एवं युवाओं पर अधिक दुष्प्रभाव जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. एसएन झा ने इस अवसर पर कहा कि तंबाकू का सबसे अधिक दुष्प्रभाव स्कूली बच्चों और युवाओं पर पड़ रहा है. बिहार में तंबाकू का प्रयोग करने वाले 25.9 प्रतिशत, धुआं रहित तंबाकू यानी पान मसाला, जर्दा, खैनी का प्रयोग करने वाले 23.5 प्रतिशत, बीड़ी पीने वाले 4.2 प्रतिशत और सिगरेट पीने वाले 0.9 प्रतिशत लोग हैं. तंबाकू सेवन के कारण कैंसर, ह्रदय रोग जैसी बीमारियों की समस्या बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि तंबाकू- सिगरेट व्यवसाय जैसे शक्तिशाली व्यावसायिक समूह से मुकाबला के लिए सामाजिक चेतना आवश्यक है. इस अवसर पर सिविल सर्जन डा. नरेश कुमार भीमसारिया एसीएमओ डा आर के सिंह, वीबीडीसीओ डा. डीएस सिंह, डीपीएम पंकज मिश्रा, डा.अनुप्रिया, लक्ष्मी कांत झा सहित एएनएम स्कूल की छात्राओं सहित दर्जनों की संख्या में स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे.
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