लू से बचने के लिए पानी व मौसमी फ़ल, ताज़ी सब्जी का करें सेवन

भीषण गर्मी में गर्म हवा चलने लगी है. ऐसे मौसम में लू लगने की संभावना बढ़ जाती है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 13, 2024 10:43 PM

मधुबनी. भीषण गर्मी में गर्म हवा चलने लगी है. ऐसे मौसम में लू लगने की संभावना बढ़ जाती है. बढ़ते तापमान से बचने के लिए शरीर को सुरक्षित एवं अनुकूल करने के लिए खान-पान के साथ दैनिक दिनचर्या में बदलाव करना जरुरी है. साथ ही नवजात शिशुओं एवं गर्भवती महिलाओं के पोषण में सुधार कर गर्मी के दुष्परिणामों से बचने की जरूरत है. 6 माह तक के शिशुओं का करायें सिर्फ स्तनपान सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेकानंद पाल ने कहा कि 6 माह तक के शिशुओं के लिए सिर्फ स्तनपान ही पर्याप्त होता है. गर्मी के कारण स्तनपान के साथ किसी भी प्रकार का तरल पेय पदार्थ या पानी बच्चों को नहीं दें. गर्मी के मौसम में अधिक से अधिक बार स्तनपान करायें. साथ ही गर्भवती महिलाओं को गर्मी के मौसम में लू से बचने के लिए पोषक तत्वों के सेवन के अलावा प्रचुर मात्रा में पानी एवं मौसमी फ़ल और ताज़ी सब्जियों का सेवन जरुर करें. ऐसे पहचाने लू के लक्ष्ण सिर में तेज दर्द का होना, उल्टी या जी मचलाना. बुखार होना, त्वचा का लाल गर्म एवं सूखा होना, पसीना नहीं चलना, बेहोशी या चक्कर आना, घबराहट या संशय का बढ़ जाना, अत्यधिक आलस या सुस्ती का होना लू के लक्षण हैं. दैनिक दिनचर्या एवं आहार परिवर्तन जरुरी सीएस ने कहा कि गर्मी के बढ़ने से पसीना चलना शुरू होता है. जिससे शरीर में पानी की मात्रा में तेजी से कमी आती है. इसलिए इस मौसम में प्रचुर मात्रा में पानी का सेवन करना फायदेमंद है. इसके साथ ही मौसमी फलों और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन भी शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित करने में सहायक होता है. खाली पेट घर से बाहर नहीं निकलें. सुपाच्य एवं हल्के भोजन का सेवक करें. अत्यधिक शीतल पेय पदार्थों के सेवन करने से बचें, रात्रि में देर रात तक नहीं जागें एवं कम से कम 8 घंटे की नींद जरुर लें. लू लगने पर चिकित्सकीय परामर्श लें सिविल सर्जन डा. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि दोपहर में घर से निकलने से बचना चहिए . अधिक धूप की स्थिति में छाता का उपयोग करना चहिए. लू लगने की स्थिति में चिकित्सकीय परामर्श जरुरी है. प्राथमिक उपचार के तौर पर लू लगने पर ओआरएस का घोल पीना चाहिए. ताकि अतिसार से बचा जा सके. इसके इलाज के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों एवं जिला अस्पताल में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. सीएस ने अधीक्षक सहित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है. सीएस ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आईवी फ्लूड एवं ओआरएस प्रर्याप्त मात्रा में रखने का निर्देश दिया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version