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शांतिपूर्ण माहौल में हर्षोल्लास के साथ मना ईद

जिला मुख्यालय सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में गुरुवार को शांतिपूर्ण माहौल में हर्षोल्लास के साथ ईद उल फितर का त्योहार मनाया गया. सुबह में ही बड़ी संख्या में मुस्लिम भाइयों ने नहा धोकर, नए कपड़े पहन व इत्र लगाकर जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्र के ईदगाहों मस्जिदों में नमाज अदा करने पहुंचे.

By Prabhat Khabar News Desk | April 11, 2024 9:31 PM

मधुबनी. जिला मुख्यालय सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में गुरुवार को शांतिपूर्ण माहौल में हर्षोल्लास के साथ ईद उल फितर का त्योहार मनाया गया. सुबह में ही बड़ी संख्या में मुस्लिम भाइयों ने नहा धोकर, नए कपड़े पहन व इत्र लगाकर जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्र के ईदगाहों मस्जिदों में नमाज अदा करने पहुंचे. नमाज अदा करने के बाद लोगों ने एक दूसरे से गले मिलकर ईद की बधाई दी. नाजिरपुर के ईदगाह में मर्दों की नमाज इमाम मोहम्मद उमर फारूक तो महिला का नमाज मौलाना इरफान इस्लामी ने पढ़ाया. नमाज अदा करने के बाद मौलाना इरफान इस्लामी व मौलाना उमर फारुक ने तकरीर करते हुए कहा कि ईद-उल-फितर मुस्लिमों का एक धार्मिक त्योहार है. इसे ईद-उल-फितर भी कहा जाता है. क्योंकि यह हर साल लौटता है और बार-बार आता है. इसमें खुशी और आनंद का एक अर्थ भी है. रमजान माह के रोजा में उपवास ईदु उल फितर के दिन समाप्त होता है. इसलिए इस त्योहार को ईद-उल-फितर का नाम दिया गया है. हजरत आयशा से कहा है कि पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने कहा है कि ईद उल फितर वह दिन है जब लोग रमजान के रोजे से फारिग होते हैं और ईद उल अधहा वह दिन है जब लोग बलिदान देते हैं. ईद में नमाज अदायगी के रस्म के पूरा होते ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अपने परिचितों के घरों पर जाकर एक दूसरे को बधाई देते हैं. मौलाना ने बताया कि ईद-उल-फितर के अवसर पर महत्वपूर्ण कार्यों में से एक सदका-ए-फितर व्यर्थ और गंदी चीजों से उपवासों को शुद्ध करने और गरीबों की सहायता करने के लिए निर्धारित है. नमाज से पहले सदका-ए-फितर की कीमत है. रमजान में अदा करना बेहतर है ताकि गरीब और ज़रूरतमंद भी ईद की खुशियों में हिस्सा ले सकें.

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