मधुबनी. बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के सदस्यों ने अपने लंबित मांगों के समर्थन में शनिवार को प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में शामिल स्वास्थ्य कर्मी संघ कार्यालय से चलकर सिविल सर्जन कार्यालय पर पहुंचे. प्रदर्शन में बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिले में कार्यरत नियमित एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, ममता कार्यकर्ता एवं कूरियर शामिल थे. प्रदर्शन का नेतृत्व जिलाध्यक्ष विनोद कुमार झा, जिला मंत्री प्रीति नारायण दास, महासंघ के जिला मंत्री गणपति झा एवं मीना प्रभात ने किया. प्रदर्शन सिविल सर्जन कार्यालय पर पहुंचकर सभा में तब्दील हो गयी. सभा की अध्यक्षता विनोद कुमार झा व सुशील प्रसाद यादव ने की. सभा को संबोधित करते हुए जिला मंत्री प्रीति नारायण दास ने कहा कि बिहार सरकार संवेदनहीन हो गयी है. कर्मचारी की समस्याओं से उनका कोई सरोकार नहीं है. संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की समस्याओं से उसका कोई वास्ता नहीं है. कम मानदेय पर कार्य लेना, जरूरत से अधिक कार्य लेना, स्थानीय स्तर पर गैर नियमानुसार पदस्थापन के अलावे दूसरे क्षेत्रों में कार्य लेना, पदाधिकारियों द्वारा मनमाने ढंग से वेतन अवरूद्ध कर देना साधारण बात हो गयी है. हाल ही में एफ आरएएस पद्धति से हाजिरी बनाने का फरमान, छुट्टी के लिए भी आवेदन अब विभाग में भेजना निश्चित तौर पर कर्मचारियों को तंग-तबाह करना है. क्षेत्र में नेटवर्क की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है. बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण महिला कर्मचारी क्षेत्रों में असहज और असुरक्षित महसूस करती है. फिर भी सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है. उन्होंने कहा कि मांग पूरी होने तक एनएचएम कर्मियों का कार्य बहिष्कार जारी रहेगा. महासंघ के जिला मंत्री गणपति झा ने कहा कि सरकार शुरु से ही कर्मचारी विरोधी रही है. वह सिर्फ कर्मचारी का ही नहीं बल्कि आशा, ममता, कूरियर, सफाई कर्मी, सुरक्षा गार्ड का शोषण कर रही है. सभा को आशा संघर्ष समिति के जिला मंत्री रेखा मिश्रा, विनीता कुमारी, गीता देवी, मीनू झा, सोनी कुमारी, नीलम कुमारी ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा घोषित मानदेय संबंधी पत्र अभी तक निर्गत नहीं किया गया है. उनके प्रोत्साहन राशि का भुगतान भी ससमय नहीं होता है. इसके भुगतान में भी कटौती की जाती है और इस संबंध में चर्चा करने पर चयन मुक्त कर देने की धमकी दी जाती है. ममता संघर्ष समिति के शांति कुमारी, बुधनी देवी, निर्मला ने अपनी मांगों में सरकारी सेवक घोषित करने तक वैधानिक मजदूरी के रूप में 26 हजार रुपये प्रतिमाह मासिक मानदेय, ड्रेस, रात्रि ड्यूटी के समय एक कमरा की मांगों पर चर्चा की. कुरियर संघर्ष समिति के संयोजक प्रमोद कुमार, निर्मल कुमार और अजित कुमार ने अपनी मांगों को जोरदार तरीके से रखा. मौके पर शकुंतला कुमारी, मृदुला ठाकुर, शशि देव पासवान, राजकुमार चौधरी, प्रमोद कुमार यादव, अरविंद कुमार चौधरी, सौरभ कुमार, किशोर प्रसाद यादव, कमल लाल देव, मुरारी चौधरी, सोनी कुमारी, चन्दन कुमार, विद्या देवी, मंजू देवी, राकेश कुमार भी थे. इसके बाद संघ एवं संघर्ष समितियों के सदस्यों ने एक मांग पत्र सिविल सर्जन डा. नरेश कुमार भीमसारिया को सौंपा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है