स्टेशन परिसर सहित स्टेशन के परिसंपत्तियों की निगरानी एवं सुरक्षा के लिए आरपीएफ तथा विधि व्यवस्था के संधारण के लिए स्टेशन पर राजकीय रेल पुलिस का आउटपोस्ट संचालित है. दोनों ओपी में एक एएसआई समेत 3-4 जवान नियुक्त हैं. लेकिन विडंबना यह है कि इनके नाक के नीचे अतिक्रमणकारियों द्वारा रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण बदस्तूर जारी है. इस मामले में पूछे जाने पर आरपीएफ एवं जीआरपी दोनों एक दूसरे के क्षेत्राधिकार का हवाला देकर अपना पल्लू झाड़ लेते हैं. रेलवे स्टेशन के दोनों ओर खाली जमीन पर 12 नंबर गुमती से लेकर 13 नंबर गुमती तक सैकड़ों की संख्या में अतिक्रमणकारियों का कब्जा है.
वर्ष 2020 में खाली कराया गया था अतिक्रमण
वरीय खंड अभियंता ने बताया कि वर्ष 2020 में काफी मशक्कत के बाद रेलवे के अतिक्रमित भूमि को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराया गया था. उन्होंने कहा कि अतिक्रमण को रोकने की जिम्मेवारी आरपीएफ व जीआरपी की है. लेकिन अतिक्रमण को रोका नहीं जा रहा है. जिसके कारण अतिक्रमण बदस्तूर जारी है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में वरीय पदाधिकारी को भी पत्र लिखा गया है. उनके निर्देश के आलोक में अतिक्रमण मुक्ति के लिए अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा है कि अतिक्रमण हटाने से पहले सभी अतिक्रमणकारियों को तीन नोटिस देना अनिवार्य होता है. जिसके बाद मजिस्ट्रेट की नियुक्ति कर अतिक्रमण मुक्त किया जाता है. आलम यह है कि माल गोदाम रोड में सड़क के दोनों किनारे की भूमि का अतिक्रमण कर लिया गया है. रेलवे की खाली जमीन पर ऑटो स्टैंड का संचालन भी किया जा रहा है. इससे आमलोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं पुराने 12 नंबर गुमटी पर बने रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे रेलवे की भूमि पर कटघरे में सट्टेबाजी का भी खेल किया जाता है. मामला चाहे जो भी हो इस मामले में रेल प्रशासन की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षण से इंकार नहीं किया जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है