रेलवे के खाली जमीन पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा
जिला प्रशासन द्वारा जहां एक ओर अतिक्रमण मुक्त अभियान चलाकर शहर को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है. वहीं रेलवे की कई एकड़ भूमि पर अतिक्रमणकारियों ने अवैध रूप से कब्जा कर अपना कारोबार कर रहे हैं.
By Prabhat Khabar News Desk |
June 20, 2024 11:15 PM
मधुबनी. जिला प्रशासन द्वारा जहां एक ओर अतिक्रमण मुक्त अभियान चलाकर शहर को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है. वहीं रेलवे की कई एकड़ भूमि पर अतिक्रमणकारियों ने अवैध रूप से कब्जा कर अपना कारोबार कर रहे हैं. लेकिन रेल प्रशासन मूकदर्शक एवं लाचार बना हुआ है. अतिक्रमण के कारण शहर के स्टेशन चौक, माल गोदाम रोड एवं 13 नंबर गुमटी पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है. रेल प्रशासन द्वारा काफी जद्दोजहद के बाद वर्ष 2020 में रेलवे की खाली जमीन पर अतिक्रमित अवैध कब्जे को खाली कराया गया. लेकिन यह सिलसिला कुछ दिनों तक ही चला. उसके बाद फिर अतिक्रमणकारियों ने खाली जमीन पर अवैध कब्जा जमा लिया. होटल, दुकान, व घर सहित बड़े-बड़े जगहों का अतिक्रमण कर अन्य कार्य किये जा रहे हैं. रेलवे सूत्रों की मानें तो इन अतिक्रमणकारियों को रेलवे के कर्मियों का ही संरक्षण प्राप्त है. मामला चाहे जो हो रेलवे के भूमि पर अवैध अतिक्रमण बहुत बड़ी जन समस्या है. जिसे जल्द दूर करने की आवश्यकता है. अतिक्रमण का आलम यह है कि स्टेशन के दोनों मुख्य द्वार पर नो पार्किंग जोन में भी ई-रिक्शा एवं ऑटो रिक्शा को खड़ा कर दिया जाता है. जिसके कारण यात्रियों को भी स्टेशन पर आने-जाने में परेशानी होती है. लेकिन इन समस्याओं को दूर करने का प्रयास न तो आरपीएफ और न ही जीआरपी के द्वारा की जा रही है.
स्टेशन पर आरपीएफ एवं जीआरपी का है ओपी
स्टेशन परिसर सहित स्टेशन के परिसंपत्तियों की निगरानी एवं सुरक्षा के लिए आरपीएफ तथा विधि व्यवस्था के संधारण के लिए स्टेशन पर राजकीय रेल पुलिस का आउटपोस्ट संचालित है. दोनों ओपी में एक एएसआई समेत 3-4 जवान नियुक्त हैं. लेकिन विडंबना यह है कि इनके नाक के नीचे अतिक्रमणकारियों द्वारा रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण बदस्तूर जारी है. इस मामले में पूछे जाने पर आरपीएफ एवं जीआरपी दोनों एक दूसरे के क्षेत्राधिकार का हवाला देकर अपना पल्लू झाड़ लेते हैं. रेलवे स्टेशन के दोनों ओर खाली जमीन पर 12 नंबर गुमती से लेकर 13 नंबर गुमती तक सैकड़ों की संख्या में अतिक्रमणकारियों का कब्जा है.
वर्ष 2020 में खाली कराया गया था अतिक्रमण
वरीय खंड अभियंता ने बताया कि वर्ष 2020 में काफी मशक्कत के बाद रेलवे के अतिक्रमित भूमि को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराया गया था. उन्होंने कहा कि अतिक्रमण को रोकने की जिम्मेवारी आरपीएफ व जीआरपी की है. लेकिन अतिक्रमण को रोका नहीं जा रहा है. जिसके कारण अतिक्रमण बदस्तूर जारी है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में वरीय पदाधिकारी को भी पत्र लिखा गया है. उनके निर्देश के आलोक में अतिक्रमण मुक्ति के लिए अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा है कि अतिक्रमण हटाने से पहले सभी अतिक्रमणकारियों को तीन नोटिस देना अनिवार्य होता है. जिसके बाद मजिस्ट्रेट की नियुक्ति कर अतिक्रमण मुक्त किया जाता है. आलम यह है कि माल गोदाम रोड में सड़क के दोनों किनारे की भूमि का अतिक्रमण कर लिया गया है. रेलवे की खाली जमीन पर ऑटो स्टैंड का संचालन भी किया जा रहा है. इससे आमलोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं पुराने 12 नंबर गुमटी पर बने रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे रेलवे की भूमि पर कटघरे में सट्टेबाजी का भी खेल किया जाता है. मामला चाहे जो भी हो इस मामले में रेल प्रशासन की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षण से इंकार नहीं किया जा सकता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है