झंझारपुर. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी एवं नगर मिशन प्रबंधक ने बैंकरों के साथ समीक्षात्मक बैठक की. 13 बार बैंक को नोटिस देकर बैठक में बुलाया गया. बैठक में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक, केनरा बैंक, इंडियन बैंक और स्टेट बैंक के प्रतिनिधि पहुंचे थे. सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले पंजाब नेशनल बैंक एवं सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के प्रतिनिधि की रही. प्रतिनिधि बैठक में नहीं पहुंचे. ईओ मनोज कुमार ने कहा कि नगर परिषद ने कुल 785 फुटकर दुकानदारों को स्वनिधि योजना से लाभ देने के लिए आवेदन की अनुशंसा कर विभिन्न बैंकों में भेजा गया. तीन वर्षों में बैंकों ने 460 आवेदन को स्वीकृत किया. अब तक 377 को ही लाभ मिल सका है. 83 आवेदन स्वीकृति के बाद भी पेंडिंग रखे गए हैं. 147 आवेदन को निरस्त कर दिया गया. सबसे खराब स्थिति पंजाब नेशनल बैंक की है. जहां 305 आवेदन भेजा गया था, जिसमें मात्र 123 लोगों को ऋण की सुविधा दी गई. 182 आवेदन 3 साल में पेंडिंग हैं. 21 को रिजेक्ट किया गया है. दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन सेंट्रल बैंक आफ इंडिया का है. जिसमें 57 आवेदनों में मात्र 7 की स्वीकृति कर 50 को निरस्त कर दिया गया. विदित हो कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना छोटे स्तर पर व्यापार करने वालों के लिए है. बिना गारंटी के सिर्फ आधार कार्ड और दुकान का स्थल देखकर 10 हजार का ऋण दिया जाता है. दुकानदार जिस दिन 10 हजार जमा कर देंगे. खाता में 20 हजार पहुंच जाते हैं. 20 हजार जमा करने पर 50 हजार खाते में पहुंचते हैं. 50 हजार पहुंचने के बाद विभिन्न तरह की आठ सरकारी लाभ उन्हें मिलने लगती है. उन्होंने बताया कि नगर परिषद वार्ड 22 की ललिता देवी, वार्ड 4 की राजू देवी, वार्ड 19 कि वीणा देवी, वार्ड 6 के मनीष कुमार, वार्ड 16 के अनीता देवी, वार्ड 24 के रानी देवी आदि ने बताया कि बैंकों में दौड़कर थक गए. लेकिन 10 हजार नहीं दिया गया.
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