डायरी नहीं भेजने पर अनुसंधानकर्ता से स्पष्टीकरण
न्यायालय के आदेश की अवहेलना करना अंधरामठ थाना के अनुसंधानकर्ता धीरज कुमार को महंगा पड़ा.
मधुबनी. न्यायालय के आदेश की अवहेलना करना अंधरामठ थाना के अनुसंधानकर्ता धीरज कुमार को महंगा पड़ा. अंधरामठ थाना के एक मामले को लेकर प्रथम एडीजे सह विशेष न्यायाधीश एसएमएफ बारी की न्यायालय में दाखिल अग्रिम जमानत में बार बार डायरी मांगने के बाद भी अनुसंधानकर्ता ने केस डायरी नहीं भेजा. न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए अनुसंधानकर्ता से स्पष्टीकरण की मांग कि है. विशेष लोक अभियोजक सपन कुमार सिंह के अनुसार मामला मधवापुर थाना कांड संख्या- 180/ 23 से संबंधित है. जिसमें सहायक अवर निरीक्षक उत्पाद झंझारपुर संजय पासवान ने सरकारी कार्य में बाधा एवं जाति सूचक गाली देने का आरोप लगा कर सौरभ कुमार सहित आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. जिसका अनुसंधानकर्ता धीरज कुमार को बनाया गया था. मामले के आरोपित सौरभ कुमार ने न्यायालय में अग्रिम जमानत दाखिल किया था. न्यायालय ने केस डायरी की मांग की थी. लेकिन कई तारीख के बाद भी अनुसंधानकर्ता ने न्यायालय में डायरी नहीं भेजा. न्यायालय ने शनिवार को सुनवाई के दौरान केस डायरी नहीं आने पर डायरी के साथ स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है.
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