मधुबनी. जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग और सरकार प्रतिबद्ध है. इसके लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाया जा रहे हैं. लोगों में जागरुकता व समुचित परामर्श के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक माह की 21 तारीख को जिला अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल एवं पीएचसी स्तर पर यू आर नियोजन दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. नए दिशा-निर्देश के अनुसार अब हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर भी इसका आयोजन किया जाएगा. कार्यक्रम को लेकर राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. एके शाही ने सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है. इसके तहत आमलोगों को बेहतर मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य में परिवार नियोजन की भूमिका एवं परिवार नियोजन के लिय उपलब्ध विभिन्न उपायों के संबंध में पात्र लाभार्थियों को जानकारी देते हुए योग्य दंपतियों को इच्छित सेवा उपलब्ध कराना एवं पंजीकरण किया जाएगा. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर (पीएनडी )परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया जाना है. इसके लिए प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आयोजित होने वाले परिवार नियोजन दिवस के लिए 3000 रुपए आवंटित की गई है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में क्रियाशील स्वास्थ्य उपकेंद्र पर विशेष अभियान एवं पखवाड़ा के दौरान परिवार नियोजन दिवस आयोजित करने का निर्देश दिया है. इसका आयोजन माह के प्रथम बुधवार को किया जाएगा इसके लिए 2000 रुपये आवंटित है. परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधनों की दी जायेगी जानकारी जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास ने कहा कि परिवार नियोजन दिवस के दिन आयोजित कार्यक्रम के दौरान नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधन कंडोम, कॉपर-टी, अंतरा, माला डी सहित अन्य साधनों के बारे में जानकारी दी जाएगी. कोई महिला परिवार नियोजन के स्थाई साधन को अपनाने के लिए तैयार है, लेकिन उनका शरीर बंध्याकरण के लिए सक्षम नहीं तो ऐसी महिला को अस्थाई साधन अपने के लिए प्रेरित किया जाएगा. परिवार नियोजन के साधन अपनाने पर मिलती है प्रोत्साहन राशि सिविल सर्जन डा. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा है कि नसबंदी कराने वाले लाभार्थी को 3000 रुपये और उत्प्रेरक को 400 रुपए दिया जाता है. इसी तरह प्रसव के तुरंत बाद बंध्याकरण कराने पर लाभार्थी महिला को 3000 रुपए और उत्प्रेरक को 400 रुपये देने का प्रावधान है. पीपीआईयूसीडी बंध्याकरण पर लाभार्थी को 2000 रुपए व एएनएम को 150 रुपये और आशा कार्यकर्ता को 150 रुपए दिया जाता है. इसी तरह सभी अन्य साधनों को अपने पर सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है.
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