कुसमा देवी की हत्या मामले में पिता-पुत्र को आजीवन सश्रम कारावास की सजा
अपर जिला एवं सत्र न्यायालय चतुर्थ के न्यायाधीश मंजूर आलम की न्यायालय में सकरी थाना क्षेत्र में करीब 14 वर्ष पूर्व हुई एक महिला की हत्या मामले की सोमवार को सुनवाई हुई.
मधुबनी . अपर जिला एवं सत्र न्यायालय चतुर्थ के न्यायाधीश मंजूर आलम की न्यायालय में सकरी थाना क्षेत्र में करीब 14 वर्ष पूर्व हुई एक महिला की हत्या मामले की सोमवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद आरोपी सकरी थाना क्षेत्र के नजरा निवासी लक्ष्मण चौपाल एवं उनके पुत्र चुन्नू चौपाल को दफा 302 भादवि में आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही न्यायालय ने दोनों आरोपी पर दस-दस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर आरोपी को एक-एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. न्यायालय में सरकार की ओर से बहस करते हुए अपर लोक अभियोजक ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी. वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने आरोपी के लिए न्यायालय से कम से कम सजा देने की मांग की थी. क्या है मामला अपर लोक अभियोजक के अनुसार घटना 28 जून 2010 की है. रात के करीब आठ बजे भंडारा को लेकर सूचक की पत्नी कुसमा देवी अपने घराड़ी पर केला का पत्ता काटने गई थी. लेकिन आरोपी ने उसे केला पत्ता काटने से मना करने लगा. आरोपी केला के पेड़ व जमीन को अपना बताने लगा. इसको लेकर हुए विवाद में आरोपी कुसमा देवी के साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट करने लगा. अपनी पत्नी जब सूचक बचाने आयी तो उसके साथ भी मारपीट करने लगा. इसी बीच एक आरोपी कुसमा देवी के सिर पर वार किया. जिससे कुसमा देवी गंभीर रूप से जख्मी हो गयी. जिसे ग्रामीणों ने इलाज के लिए डीएमसीएच दरभंगा में भर्ती किया. जहां पांच दिन बाद इलाज के दौरान डीएमसीएच में कुसमा देवी का मौत हो गयी थी. मामले को लेकर मृतका के पति चलितर चौपाल के बयान पर सकरी थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
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