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Madhubani News झंझारपुर के पूर्व एएसपी मनमोहन सिंह व अन्य सभी आरोपित हुए रिहा

झंझारपुर के पूर्व एसएसपी मनमोहन सिंह व अन्य लोगों पर एक मामले का एसीजेएम- 1 विजय कुमार मिश्रा की अदालत ने अपना फैसला सुनाया है.

झंझारपुर. झंझारपुर के पूर्व एसएसपी मनमोहन सिंह व अन्य लोगों पर एक मामले का एसीजेएम- 1 विजय कुमार मिश्रा की अदालत ने अपना फैसला सुनाया है. मामला तकरीबन 33 वर्ष पूर्व के मामले पर आया है. जिसमें झंझारपुर न्यायालय में दर्ज एक नालिसी एवं एफआईआर केश में दोनों पक्षों के द्वारा झंझारपुर के एसीजेएम प्रथम की अदालत में वर्ष 2017 में सुलहनामा दाखिल किया गया था. मुदालहों में से एक झंझारपुर के तत्कालीन एएसपी व अमृतसर, पंजाब के एडीजीपी पद से रिटायर्ड मनमोहन सिंह ने कोर्ट में सदेह उपस्थित होकर सुलहनामा दाखिल किया था. इस मामले में झंझारपुर के एसीजेएम – 1 विजय कुमार मिश्र की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद वर्ष 2017 में दाखिल सुलहनामा को मानते हुए दोनों पक्ष के सभी आरोपितों को रिहाई का आदेश देते हुए मुकदमे की कार्यवाही को समाप्त करने का आदेश दिया है. मालूम हो कि नरुआर गांव निवासी विवेकानन्द मिश्र के द्वारा वर्ष 1991 में न्यायालय में एक नालिसी दर्ज कराया गया था. जिसमें वादी द्वारा झंझारपुर के तत्कालिन एएसपी मनमोहन सिंह सहित हवलदार अमरेन्द्र कुमार सिंह, ऑर्डरली अजय कुमार, आरक्षी अरविन्द कुमार सिंह एवं आरसी पासवान को मुदालह बनाते हुए मारपीट करने का आरोप लगाया था. जिसमें धारा 323 के तहत आरोप लगाया गया था. उसी प्रकार पुलिस प्रशासन की ओर से हवलदार अमरेंद्र कुमार सिंह भी एफआईआर 692/91 दर्ज कर नरुआर गांव निवासी गुणानन्द मिश्र, विवेकानन्द मिश्र एवं विशेषानन्द मिश्र को अभियुक्त बनाते हुए धारा 341, 342, 323, 324, 426, 34 आईपीसी एवं 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. तत्कालीन न्यायिक दण्डाधिकारी सह अपर मुंशिफ मानवेन्द्र मिश्रा के कोर्ट ने 27 मई 2016 को एडीजीपी मनमोहन सिंह को कोर्ट में सदेह उपस्थित होने का सख्त आदेश दिया था. साथ ही कोर्ट ने उनके अधिवक्ता विजय कुमार प्रसाद को हिदायत भी दी थी कि उस दिन अभियुक्त के उपस्थित नहीं होने की स्थिति में उनके क्लाईंट के विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट जारी कर दिया जायेगा. इस मामले में आईजी श्री सिंह ने कोर्ट में हाजिर हो मामले में अपने उपर लगाए गये मारपीट करने के आरोप से साफ इंकार कर दिया था. इस मामले वर्ष 2017 में सुलहनामा लगाने के बाद विवेकानंद मिश्र का निधन हो गया था. सुलहनामा पर फैसला सुनाने के समय अमरेंद्र कुमार सिंह एवं विशेषानंद मिश्र कोर्ट में मौजूद थे.

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