अपर लोक योजक जगदीश प्रसाद यादव के अनुसार मुकदमा के सूचक हरखित कामत के परिवार और आरोपी के परिवार वालों के बीच पहले से भूमि विवाद था. जिसके कारण आरोपी के परिवार वालों ने सूचक के परिवार वालों को गांव से भगा दिया था. जिसके कारण सूचक का खेत परती पड़ा हुआ था. 2 मई 2003 को सूचक अपने पिता बुचाई कामत एवं अन्य लोगों के साथ अपने गांव गया था. अपने दियाद के दरवाजे पर बैठा था. इसी दौरान सभी आरोपी लाठी फरसा से लैस होकर आया और सूचक के पिता एवं चाचा देवचंद कामत सहित सभी को गांव से चले जाने को कहा. इसी बात पर दोनों पक्ष के बीच विवाद हो गया. इसी विवाद में आरोपियों ने मिलकर सूचक के पिता बुचाई कामत को फरसा और खुखरी से मार कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया. जिनकी बाद में मौत हो गयी. वहीं भागने के क्रम में देवचंद्र कामत को भी गांव के स्कूल के समीप खदेड़ कर आरोपियों ने फरसा व खुखरी से हत्या कर दी थी. मामले को लेकर मृतक बुचाई कामत के पुत्र हरखित कामत के बयान पर बेनीपट्टी के अड़ेर थाना में प्राथमिक दर्ज की गई थी.
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