Madhubani News. मधुबनी. फाइलेरिया से पीड़ित फोर्थ स्टेज मरीजों का भी अब दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाया जाएगा. दिव्यांगता प्रमाण प्राप्त मरीजों को प्रतिमाह 400 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. इसके लिए 1 अक्टूबर को रहिका प्रखंड में मेडिकल बोर्ड शिविर का आयोजन किया जाएगा. मेडिकल बोर्ड में चिन्हित मरीजों का सर्टिफिकेट बनाया जाएगा. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डीएस सिंह ने कहा है कि फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों को 7 श्रेणी में बांटा गया है. चौथी श्रेणी या चौथी श्रेणी से उपर के मरीजों को ही दिव्यांगता प्रमाण पत्र देने का प्रावधान है. वैसे मरीज किसी भी नजदीकी सीएसएसी सेंटर पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं या अपने निकटवर्ती अस्पताल से संपर्क कर सकते हैं. उसके बाद मेडिकल बोर्ड के द्वारा जांच कर दिव्यांगता प्रतिशत दी जाएगी. डॉ. सिंह ने कहा है कि आमतौर पर फाइलेरिया के दो तरह के मरीज होते हैं. जिसमें एक हाथीपांव तथा दूसरा हाइड्रोसील के मरीज होते हैं. हाइड्रोसील के मरीजों का सदर अस्पताल स्थित फाइलेरिया क्लीनिक में हर शनिवार को नि:शुल्क ऑपरेशन किया जाएगा. विदित हो कि विगत कुछ माह से फाइलेरिया क्लीनिक में मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो रहा था. इसे अब क्रियाशील कर दिया गया है. अब प्रत्येक सप्ताह शनिवार को ऐसे मरीजों का ऑपरेशन होगा. रहिका स्वास्थ्य केंद्र पर मेडिकल बोर्ड का किया गया है गठन डॉक्टर डीएस सिंह ने बताया कि रहिका प्रखंड में हाथी पांव से ग्रसित चौथे स्टेज के अब तक 8 मरीजों को चिन्हित किया गया है. इसे 1 अक्टूबर को स्वास्थ्य केंद्र पर मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रमाण पत्र दिया जाएगा. इससे पूर्व अंधापन, कम दृष्टि, कुष्ठ रोग से ठीक हुए व्यक्ति, श्रवण हानि, शारीरिक रूप से दिव्यांग, मानसिक मंदता, मानसिक बीमारी से ग्रसित लोगों को ही दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिया जाता था. लेकिन अब हाथीपांव वाले मरीजों को भी दिव्यांगता प्रमाण पत्र देने का काम शुरू हुआ है. उन्होंने कहा कि अन्य प्रखंड में भी मेडिकल बोर्ड का गठन कर पात्र लाभार्थियों को दिव्यंगता प्रमाण पत्र दिया जाएगा. प्रमाण पत्र बन जाने के बाद ऐसे लोग सरकारी योजनाओं का भी लाभ ले सकेंगे. दिव्यांगता प्रमाण पत्र से लेकर दवा तक पीड़ित मरीजों को उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग व स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था पिरामल की टीम काम कर रही है. जिले में 1563 फाइलेरिया मरीज चिन्हित जिले में स्वास्थ्य विभाग के अनुसार फाइलेरिया के 1563 मरीज सामने आए हैं. इसमें अनुमानित 100 से 150 मरीज ऐसे हैं जो चौथी श्रेणी या चौथी श्रेणी से उपर के हैं. ऐसे मरीजों की खोज की जा रही है. उन्होंने लोगों से अपील किया कि ऐसे मरीजों को खोजने में विभाग को सहयोग करें.
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