Madhubani News. ठंड का कहर जारी, 17 घंटे विलंब से पहुंची स्वतंत्रता सेनानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस
जिला मुख्यालय सहित जिलेभर में रविवार को भी हाड़कंपा देने वाली ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा. सुबह में घना कुहासा छाये रहने व तेज पछिया हवा के कारण लोग अपने-अपने घरों में दुबके रहे.
Madhubani News. मधुबनी. जिला मुख्यालय सहित जिलेभर में रविवार को भी हाड़कंपा देने वाली ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा. सुबह में घना कुहासा छाये रहने व तेज पछिया हवा के कारण लोग अपने-अपने घरों में दुबके रहे. वहीं दिन चढ़ने के बाद ठंड से थोड़ी राहत मिली. घने कुहासे के कारण शनिवार को नई दिल्ली जयनगर स्वतंत्रता सेनानी सुपरफास्ट तय समय शाम 6:30 बजे से 17 घंटा विलंब से रविवार दोपहर 12 बजे पहुंची. दूसरी ओर आनंद बिहार जयनगर गरीब रथ एक्सप्रेस रविवार तय समय दोपहर 12:30 बजे से 10 घंटे बिलंब होकर रात 10 बजे पहुंची. ट्रेनों के विलंब से परिचालन के कारण यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए शारीरिक, मानसिक व आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ा. हाड़कंपा देने वाली ठंड के बाद भी चौक चौराहे पर लोगों का आना-जाना पूर्व की भांति ही जारी रहा. ट्रेनों के विलंब परिचालन के कारण जयनगर नई दिल्ली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस का परिचालन 1 घंटे विलंब से हुई. सार्वजनिक स्थलों पर कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं है. ठंड के बाद भी मजदूर अपने-अपने काम पर लगे रहे. मजदूर अकलू मंडल, नंदू राय, कमल राय, संतु चौधरी, मंगलू कामत ने कहा कि सर्दी हो या गर्मी हमलोगों को काम करना ही है. पेट भरने के लिए काम तो करना ही पड़ता है. कंपकपाती ठंड में बुजुर्ग, बीमार व बच्चों का रखें विशेष ख्याल पिछले कई दिनों से कंपकपाती ठंड ने जीना मुश्किल कर दिया है. जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. ऐसे में अपने शरीर के प्रति अधिक सजगता जरूरी है. खासकर बीमार, बुजुर्ग व बच्चों का खास ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डीएस सिंह ने कहा कि ठंड में सांस और हृदय रोगियों की कठिनाई बढ़ने लगती है. ठंड के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने, हाइपोथर्मिया, नसों व जोड़ों का दर्द भी बढ़ने लगता है. इसलिए सबसे पहले ठंड से बचने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है. इसके अलावे सर्दियों में राइनो वायरस की सक्रियता बढ़ जाती है. इससे खांसी, जुकाम के साथ फेफड़े में इंफेक्शन और सांस की नली में सूजन से सांस फूलने (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज-सीओपीडी) की समस्या बढ़ जाती हैं. ठंड बढ़ने से हाइपोथर्मिया होने का डर रहता है. इस बीमारी में ब्लड प्रेशर कम होने और शरीर के विभिन्न अंग ठीक से काम कर पाती है. वहीं नस सिकुड़ने की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ने जाती है. जिससे हार्ट अटैक का डर बना रहता है. आमतौर पर ठंड के मौसम में बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी बीमार पड़ जाते हैं. शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से बच्चों पर बदलते मौसम का असर ज्यादा होता है. इस समय बच्चों में निमोनिया के साथ ही डायरिया होने की संभावना ज्यादा रहती है, लिहाजा अधिक सतर्कता की जरूरत है. ऐसे करें बचाव डॉ. डीएस सिंह ने कहा है कि ठंड से बचें. अत्यधिक ठंड में सुबह या शाम को टहलने नहीं निकलें. बाहर निकलना बहुत जरूरी हो तो पूरे गर्म कपड़े पहनकर रखें. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए हाई प्रोटीन डाइट युक्त मोटी दाल और विटामिन सी युक्त मौसमी फल, हरी सब्जियां खानपान में शामिल करें. गुनगुना पानी नियमित अंतराल पर पीते रहें. अगर बीपी, हार्ट, डायबिटिज आदि की दवा लेते हैं तो इसे नियमित रूप से लेते रहें और नियमित अंतराल पर डॉक्टर की सलाह भी लें. आमतौर पर सर्दी के मौसम में लोग सामान्य दिनों के मुकाबले अधिक भोजन करते हैं जो की ठीक नहीं है. साथ ही तेल-मसाले से युक्त भोजन से भी परहेज करने की जरूरत है. वहीं शरीर को ढंककर रखें और गर्म कपड़े पहने.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है