Madhubani News. मधुबनी. सप्ता कंजर बस्ती में नगर निगम द्वारा करीब डेढ़ एकड़ भूमि में जी प्लस टू का भवन बनाया जायेगा. इस योजना पर तेजी से काम शुरू हो गया है. जिसमें बेघर परिवारों को स्थायी आवास प्रदान किया जाएगा. प्रत्येक परिवार को एक कमरा, रसोईघर और शौचालय सहित सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी. इसके लिए बुधवार को नगर आयुक्त अनिल कुमार चौधरी ने कंजर बस्ती का निरीक्षण किया. इनके साथ नगर प्रबंधक राजमणि कुमार, टाउन प्लानर मो. अदनान अहमद, स्वच्छता पदाधिकारी अमिताभ गुंजन, कनीय अभियंता अरुण कुमार, वार्ड पार्षद ई. रंजीत साफी व अन्य थे. इस दौरान विकास मित्र ने बस्ती की समस्याओं को रेखांकित किया गया. इन्होंने अधिकारियों से समाधान के मुद्दे पर विमर्श किया और उन्हें जानकारी दी. पुनर्वासित करने की योजना इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त अनिल कुमार चौधरी ने बताया कि इस मल्टी कॉम्पलेक्स में बेघरों को पुनर्वासित किया जाएगा. भूमि सीमांकन और पैमाइश का काम शुरू कर दिया गया है. अभियंता को नक्शा तैयार कर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. हर कमरे के साथ शौचालय व कीचेन अटैच होगा. 150 परिवारों को मिलेगा आवास इस परियोजना के तहत करीब 150 परिवारों को आवास प्रदान किया जाएगा. जिससे उनके जीवन में स्थायित्व आएगा. बस्ती में रहने वाले लोगों में इस खबर से खुशी की लहर दौड़ गई है. योजना के अनुसार, मल्टी कॉम्पलेक्स के अलावे सामुदायिक स्तर पर महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय और बाथरूम की भी व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए काम शुरु हो गया है. भूमि का सीमांकन कर निर्माण के लिए प्राक्कलन बनाने का निर्देश दिया गया. बेघरों को मिलेगा आश्रय नगर आयुक्त ने बताया कि यह परियोजना सरकार के ””””””””सबके लिए आवास”””””””” मिशन का हिस्सा है. इसके जरिए बस्ती के सभी बेघरों को एक सुरक्षित छत प्रदान की जाएगी. इस पहल से न केवल बस्ती का विकास होगा, बल्कि वहां के निवासियों का जीवन स्तर भी सुधरेगा. अभी इस बस्ती के लोगों को काफी समस्याएं हो रही है. शौचालय व सड़क की भी समस्याएं हैं. समाज के प्रति सकारात्मक पहल इस बस्ती को बसाने में अहम भूमिका निभाने वाले समाजसेवी सुभेष चंद्र झा ने टीम को भूमि के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यहां पर पांच एकड़ भूमि सरकारी है. जिस पर यह बस्ती बसा है और इनके दखल कब्जा में भी है. यह बस्ती 1980 में बसाया गया और 1987 में आंदोलन के बाद तत्कालीन डीएम अशोक कुमार के द्वारा 67 लोगों को पर्चा दिया गया. उन्होंने बताया कि यह योजना सामाजिक उत्थान और मानवता के प्रति नगर निगम की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. बस्ती के लोगों को एक बेहतर जीवन और मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की यह पहल समाज के लिए प्रेरणादायक है. कार्य पूरा होने के बाद, यह स्थान एक संगठित और स्वच्छ बस्ती के रूप में विकसित होगा. जो अन्य क्षेत्रों के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करेगा.
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