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Madhubani News : पर्यावरण संरक्षण गंभीर इशू, सरकार इस दिशा में कर रही काम : सांसद

अंतरराष्ट्रीय कृषि, शिक्षा एवं स्वास्थ्य महोत्सव सह मेगा एग्री एक्सपो कार्यक्रम के दूसरे दिन सेमिनार सत्र का आयोजन किया गया.

बेनीपट्टी. प्रखंड क्षेत्र के चानपुरा बसैठ में एसके चौधरी एजुकेशनल ट्रस्ट की ओर से संचालित कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कृषि, शिक्षा एवं स्वास्थ्य महोत्सव सह मेगा एग्री एक्सपो कार्यक्रम के दूसरे दिन सेमिनार सत्र का आयोजन किया गया. उद्घाटन राज्यसभा सांसद एवं जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, बिहार सरकार के मंत्री हरि सहनी और पूर्व केंद्रीय मंत्री हुकूमदेव नारायण यादव सहित अन्य अतिथियों ने किया. इससे पूर्व राज्यसभा सांसद, मंत्री ने कार्यक्रम स्थल परिसर में लगे सभी स्टॉलों का बारी बारी से निरीक्षण किया. ग मौके पर संस्था के अध्यक्ष डा. संत कुमार चौधरी ने आगत सभी अतिथियों को मिथिला की रीतिरिवाज के अनुसार पाग दोपटा से सम्मानित किया. अवसर पर राज्यसभा सांसद ने कहा कि मिथिला शिक्षा के लिये जाना जाता है. दूरदराज से लोग शिक्षा अर्जन के लिये मिथिला में आते थे. एक बार फिर से इसके पुराने गौरव को लौटने का प्रयास सरकार की ओर से की जा रही है. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर काम हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि काम करने का जुनून होना चाहियॆ. बड़ी संख्या में आबादी बढ़ रही है जो पूरी तरह कृषि पर आश्रित है. जिसके वजह से कृषि के साथ साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में भी समस्या बढ़ रही है. कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य इन तीनों क्षेत्रों में काम करने का जो जुनून होना चाहिये, वह इस संस्थान के संस्थापक डा. संत कुमार चौधरी में है. जिनके द्वारा देश के सात राज्यों में 51 विभिन्न शिक्षण संस्थान संचालित है, जो अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. कहा कि जिस समय यूरोप सहित अन्य देशों में कोई विश्वविद्यालय नही था, तब से ही बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय संचालित है. साथ ही दूसरे देशों से भी काफी संख्या में लोग शिक्षा अर्जन करने नालंदा विश्वविद्यालय आया करते थे. पर्यावरण संरक्षण भी गंभीर इशू है. जिस दिशा में सरकार कार्य कर रही है. कहा कि जब हम बिहार सरकार में जल संसाधन मंत्री बने उस समय प्रत्येक वर्ष केवल बाढ़ ही बाढ़ सुनना पड़ता था. उस समय भी मेरे विभाग द्वारा 900 करोड़ रुपये खर्च कर पश्चिमी कोसी नहर का जीर्णोद्धार कराया गया. ताकि बाढ़ की त्रासदी को कम किया जा सके. आज बिहार का कोई ऐसा गांव नही है, जो सड़क से वंचित है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीताराम ने मधुबनी आगमन और वस्तु स्थिति देखने के बाद बोली. वित्त मंत्री ने मधुबनी भ्रमण के दौरान मिथिला की संस्कृति को देखा और प्रशंसा भी की. इसके अलावे मखाना उत्पादन के संबंध में भी जाना. राज्यसभा सांसद ने कहा कि पश्चिमी कोसी नहर 1972 से चल रहा है. जो आजतक पूर्ण नही हुआ. अब वित्त मंत्री द्वारा बज़ट में 5 हजार करोड़ से अधिक की लागत से पूरे केनाल में लाईनिंग और सड़क निर्माण की व्यवस्था की गई है. जिससे सिंचाई के साथ साथ आवागमन की सुविधा मिलेगी और बाढ़ की त्रासदी से निजात मिलेगी. कार्य्रकम में सूबे के मंत्री हरि साहनी, सूरीनाम के राजदूत अरुण हार्डिंन, रसिया के ट्रेड कमिश्नर एबग्रीनी ग्रीवा, डाॅ. बलराम सिंह, अमित यादव, ऋषि नंद शर्मा, आईएएस दुर्गा नंद झा, डा. संदीप तिवारी, जयशंकर झा और मित्र नाथ झा ने भी संबोधित किया.

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