मधुबनी . शहर मुख्यालय में इन दिनों सरकारी जमीन, सरकारी व निजी जल अधिग्रहण क्षेत्र एवं तालाबों को मिट्टी से भरे जाने का मामला जोर पकड़ लिया है. रात तक दिखने वाला तालाब सुबह अपना स्वरुप पूरी तरह से समाप्त कर चुका होता है. रातों रात तालाबों को पूरी तरह से मिट्टी करण कर दिया जाता है. बीते करीब छह माह में करीब एक दर्जन से अधिक तालाबों व जल अधिग्रहण क्षेत्रों को भर दिया गया है. हाल ही में नगर निगम क्षेत्र के धोबिया टोली में कथित तौर पर सरकारी जमीन को शहर के दर्जन भर लोगों के हाथों फर्जी कागजात के आधार पर बेच दिये जाने का मामला सामने आया है. हालांकि इसे अनुमंडल प्रशासन ने गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश दे दिये हैं. तालाबों को भर कर कथित तौर पर गलत कागजात व जमाबंदी कायम करा कर उंचे कीमत पर बेचा जा रहा है. जिला प्रशासन की जानकारी के बाद भी अब तक किसी भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है. कई जगह सरकारी जमीन को गलत जमाबंदी कायम कर उसे बेचे जाने का मामला भी सामने आया है. जिसको लेकर लोगों ने जिला पदाधिकारी को आवेदन दिया है. इन दिनों शहर के सरकारी जमीन 3117 एवं 3118 का गलत जमाबंदी करा कर बेचे जाने का मामला तूल पकड़ लिया है. शहर के दो खेमा आमने सामने हो गया है. हालांकि इस जमीन का गलत तरीके से जमाबंदी करा कर बेचे जाने के मामले को तत्कालीन जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया था और गलत तरीके से कायम जमाबंदी को रद्द करने का आदेश भी पारित कर दिया था. अंचल अधिकारी द्वारा जमाबंदी को खारिज कर दिया गया. अंचल अधिकारी ने इस जमीन को अपने रिपोर्ट में गैरमजरुआ आम डबरा बताया है. पर इसके बाद भी सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से बेच दिया गया. इस संबंध में एसडीओ अश्विनी कुमार ने बताया है कि धोबियाटोली में सरकारी जमीन बेचे जाने संबंधी शिकायती आवेदन मिला है. जांच कर दोषी पर कठोर कार्रवाइ्र होगी. सरकारी जमीन का सबसे पहले अतिक्रमण खाली कराया जायेगा. इसके बाद बेचने वालों पर प्राथमिकी भी दर्ज हो सकती है.
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