Madhubani News. मधुबनी. बारिश कम होने के कारण शहर में भूजल स्तर में सुधार नहीं हो रहा है. बरसात बीत जाने के बाद भी शहर का भूजल स्तर 30 फुट से नीचे होने के कारण अभी भी शहर साधारण चापाकल पानी नहीं दे रहा है. शहर का सामान्य भूजल सतर 18 से 20 फुट होना चाहिए. पीएचईडी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश होने के बाद पानी जमीन के अंदर आसानी से चला जाता है. जबकि शहर में सभी जगह जमीन के ऊपर सीमेंट चढ़ जाने व मकान बन जाने के कारण भूजल संरक्षण की व्यवस्था लगभग खत्म हो गयी है. बरसात के पानी भूतल तक आसानी से नहीं जाने के कारण शहर में भूजल स्तर में वृद्धि नहीं हुई है. विभाग के सहायक अभियंता गौरव कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि शहर में इस बार जल संकट ठंड के समय में भी बना रहेगा. शहर में पानी के लेयर में सुधार नहीं होने का दूसरा कारण प्रत्येक व्यक्ति समरसेवल अपने घर में लगा रहा है. समरसेवल की संख्या में हो रही वृद्धि के कारण भी भूजल में कोई सुधार नहीं हो रहा है. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी थोड़ा सुधार हुआ है. ठंड बढ़ने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में और अधिक सुधार होगा. सहायक अभियंता ने कहा कि मधुबनी डिविजन के 2500 वार्ड में विभाग का नलजल योजना संचालित हो रही है. कुछ वार्ड में नलजल के मोटर में खराबी आने के कारण व पाइप लीकेज होने की वजह से पानी की आपूर्ति बाधित है. लेकिन उसे दुरुस्त करने के लिए विभाग की तरफ से प्रत्येक दिन वार्ड में मिस्त्री काम कर रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या नहीं दूर करने के लिए विभाग के कनीय अभियंता सत्यप्रकाश कुमार सहित अन्य को लगाया गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है