बारिश नहीं होने के कारण भूजल स्तर पहुंचा 37 फुट नीचे
शहर में जहां साधारण चापाकल पानी देना बंद कर दिया है, वहीं आईएम 2 व 3 चापाकल भी दिन में पानी नहीं दे रहा है.
मधुबनी. भीषण गर्मी के मौसम में शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल को लेकर हाहाकार की स्थिति दिख रही है. जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी है. शहर में जहां साधारण चापाकल पानी देना बंद कर दिया है, वहीं आईएम 2 व 3 चापाकल भी दिन में पानी नहीं दे रहा है. पुराने समरसेबल भी दिन में पानी कम देने लगा है. यह हाल पिछले एक सप्ताह से बना हुआ है. पिछले एक सप्ताह से कड़ी धूप के कारण भूजल स्तर में 2 फुट तक गिरावट दर्ज की गयी है. जिसकी वजह से पेयजल को लेकर लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. नल-जल योजना सभी जगह चालू नहीं होने के कारण लोगो को डब्बा बंद पानी पीकर वक्त गुजारना पड़ रहा है. दो हजार से अधिक साधारण चापाकल से पानी टपकना बंद शहर में दो हजार से अधिक साधारण चापाकल से पानी देना नहीं टपक रहा है. विभागीय आंकड़े के अनुसार शहर में 500 से अधिक आईएम 2 व 3 चापाकल लगा हुआ है. आईएम 2 व 3 चापाकल भी पिछले एक सप्ताह से दिन में पानी नहीं दे रहा है. लगातार भूजल स्तर में गिरावट होने के कारण शहर में लोगों को डब्बा बंद पानी का ही सहारा लेना पड़ रहा है. बुद्धनगर कॉलोनी के रंजन कुमार ने कहा है कि पुराने वार्ड 29 में नलजल योजना चल रहा है. वार्ड 30 में जलमीनार बनकर तैयार है. लेकिन कुछ लोगों के विरोध के कारण इस वार्ड में पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है. रामदयाल राम ने कहा कि 20 लीटर पानी सुबह में खरीदते हैं. दिन भर उसे पीने के लिए उपयोग करते है. एक चापाकल पहले से है लेकिन उससे पानी नहीं मिल रहा है. शहर में भूजल 37 फुट नीचे पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता विकास कुमार सिंह ने कहा कि इस साल पिछले साल की तुलना में भूजल स्तर 2 फुट अधिक नीचे चला गया है. पिछले साल शहर में मई महीने में 35 फुट पर पानी का लेयर था. लेकिन इसबार उससे भी नीचे 37 फुट नीचे भूजल स्तर चला गया है. भूजल स्तर में गिरावट होने के कारण पहले साधारण चापाकल पानी देना बंद किया. अब आईएम 2 व 3 चापाकल भी कम पानी देने लगा है. पुराने समरसेबल भी पानी देना किया कम शहर में तीन साल पूर्व लगे समरसेबल दिन में पानी देना कम कर दिया है. तिरहुत कॉलोनी के गिरीश चंद्र झा ने कहा कि चार साल पहले समरसेबल लगया था. एक सप्ताह पहले तक पानी आता था. लेकिन पिछले चार दिनों से पानी कम आने लगा है. श्री झा ने कहा कि पहले 40 मिनट में 2 हजार लीटर का टैंक भर जाता था. लेकिन अभी दो हजार लीटर टैंक भरने में एक घंटे से अधिक समय लग रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में भी भूजल स्तर पहुंचा 20 फुट नीचे ग्रामीण क्षेत्रो में भी पेयजल की किल्लत गंभीर रूप लेती जा रही है. पिछले वर्ष ग्रामीण क्षेत्र में भूजल स्तर 20 फुट तक नीचे चला गया था. लेकिन इसबार ग्रामीण क्षेत्रो में कई जगह भूजल स्तर 24 फुट तक नीचे चले जाने के कारण ग्रामीण क्षेत्र में भी कई जगह साधारण चापाकल दिन में पानी देना कम कर दिया है. पंडौल प्रखंड के सरिसब पाही के रहने वाले अमल कुमार झा ने कहा कि साधारण चापाकल ही लगा हुआ है. जिससे पानी नहीं टपक रहा है. पिछले कुछ दिनों से चापाकल दिन में पानी कम दे रहा है. सुबह में और रात में चापाकल से पानी मिलता है. जिससे किसी तरह काम चला रहे हैं. क्या कहते हैं अधिकारी पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता विकास कुमार सिंह ने कहा है कि शहर में भूजल स्तर में गिरावट का मूल कारण है जल संचय की कोई व्यवस्था नहीं होना. लेकिन शहर में पेयजल की खपत लगातार बढ़ रहा है. जिसके कारण भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है. शहर में लगातार समरसेबल की संख्या में बढ़ोतरी होने के कारण भी जल स्तर नीचे जा रहा है. अगर एक सप्ताह बारिश नहीं हुई तो समस्या और अधिक गंभीर हो जाएगी.
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