Madhubani News. जिले में 30 सितंबर तक भारी बारिश का है अनुमान

पुरबा हवा और रिमझिम बारिश से मौसम सुहाना हो गया है. लेकिन बारिश के बाद शहर में कीचड़ व जलजमाव से लोग परेशान हैं. शहर के गली मुहल्ले में जल जमाव के कारण लोगों को घर से निकलने मुश्किल हो गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 26, 2024 10:00 PM

Madhubani News. मधुबनी. बदन झुलसा देने वाली गर्मी से परेशान लोगों को बारिश होने से गर्मी से राहत मिली. इस बीच पुरबा हवा और रिमझिम बारिश से मौसम सुहाना हो गया है. लेकिन बारिश के बाद शहर में कीचड़ व जलजमाव से लोग परेशान हैं. शहर के गली मुहल्ले में जल जमाव के कारण लोगों को घर से निकलने मुश्किल हो गया है. भारत मौसम विभाग ने आगामी दो-तीन दिनों जिले में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. इस संबंध में आपदा प्रबंधन के संयुक्त सचिव शाहिला ने डीएम अरविंद कुमार वर्मा को भारी बारिश से निपटने के लिए आवश्यक तैयारी करने एवं संबंधित पदाधिकारियों एवं एजेंसियों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया है. साथ ही जिला जनसंपर्क पदाधिकारी के माध्यम से समाचारपत्रों व सोशल मीडिया पर इस पूर्वानुमान चेतावनी की सूचना देने का निर्देश दिया है. ताकि जिले के लोग सजग रहें. बारिश के बाद तापमान का पारा भी गुरुवार को लुढक कर 27 डिग्री सेल्सियस पर आ गया. मौसम हुआ सुहाना रिमझिम बारिश से मौसम काफी सुहाना हो गया है. पूसा मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह नोडल पदाधिकारी डाॅ ए. सत्तार ने कहा है कि 26-30 सितंबर तक जिले में भारी बारिश की संभावना है. उन्होंने कहा कि अगले 24 घंटे में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है. 24 घंटे के बाद भी अधिकांश जगहों पर हल्की हल्की वर्षा की संभावना है. इस अवधि में तापमान का पारा 32 से 24 डिग्री सेल्सियस रहेगा. साथ ही 16-20 प्रति किलोमीटर की रफ्तार से पुरबा हवा चलने की संभावना है. अस्पताल में मरीजों की संख्या में भी आई कमी बारिश के कारण सामान्य दिनों की अपेक्षा सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या में भी कमी दर्ज की गई. सदर अस्पताल के ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर गुरुवार को महज 332 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें सर्दी, खांसी, बुखार, पेट दर्द, मानसिक रोग एवं चर्म रोग से पीड़ित मरीज शामिल रहे. सबसे अधिक मेल ओपीडी में सर्दी खांसी, बुखार, पेट दर्द, बीपी से पीड़ित 115 मरीज, स्त्री एवं प्रसूति रोग ओपीडी में 50, आर्थो ओपीडी में 55, चाइल्ड ओपीडी में 35, आईं ओपीडी में 40, डेंटल ओपीडी में 15 मरीजों का चिकित्सकों द्वारा इलाज किया गया.

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