पानी के बदले हर माह होल्डिंग धारक दे रहे 25 रुपये टैक्स, पर पानी का इंतजाम नहीं

नगर निगम क्षेत्र के चालीस फीसदी लोग इन दिनों पानी के लिये दूसरों के रहमों करम पर निर्भर हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 13, 2024 10:27 PM

मधुबनी. नगर निगम क्षेत्र के चालीस फीसदी लोग इन दिनों पानी के लिये दूसरों के रहमों करम पर निर्भर हैं. मान मनौव्वल, आपसी भाईचारा काम आ रहा है. एक छत से दूसरे छत तक मोटर से पाइप जोड़ कर पानी पहुंचाया जा रहा है. कहीं दूर दूर से साइकिल से महिला, बच्चे डब्बे, बाल्टी, डोल, देकची में पानी लाने में जुट जाते हैं. यह हालात तब है जब शहर के लोग हर माह पच्चीस रुपये पानी के लिये बतौर टैक्स निगम को चुकता करते हैं. पर सुविधा के नाम पर निगम प्रशासन मौन धारण किये है. गहरा रहा जलसंकट लगातार एक महीने से पड़ रही भीषण गर्मी के कारण शहरी क्षेत्र में पेयजल संकट गहरा गया है. निगम की ओर से शहर में न तो पर्याप्त संख्या में टैंकर से पानी पहुंचाया जा रहा है और न ही कहीं प्याऊ की व्यवस्था दिख रही है. लोग पानी के लिए भटक रहे हैं. 40 फीस की आबादी दूसरे के ऊपर पानी के लिए आश्रित हैं. कोई साइकिल पर बाल्टी लेकर पानी ढो रहा है तो कोई घंटों लाइन में लग पानी का इंतजार कर रहा है. लोगों में आक्रोश भर रहा है. पानी के बदले यूजर चार्ज की राशि जमा कर रहे लोग होल्डिंग टैक्स के साथ सफाई व पानी के बदले यूजर चार्ज की राशि जमा कर रहे हैं. होल्डिंग धारकों से प्रतिमाह 25 रुपए टैक्स भरना पड़ रहा है. शहर के कई लोगों ने बताया कि निगम की व्यवस्था फेल हो चुकी है. पिछले वर्ष पेयजल की व्यवस्था की गई थी. लेकिन इस बार नगर निगम की ओर से कोई व्यवस्था नहीं हुई है. इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो नगर निगम कार्यालय का घेराव किया जाएगा. व्यवस्था को किया जा रहा नजरअंदाज चिलचिलाती धूप व गर्मी से झुलस रहे लोगों की प्यास बुझाने के लिए दो माह पूर्व शहर में एक दर्जन जगहों पर प्याऊ की व्यवस्था की गयी थी. कुछ दिनों तक निगम नियमित रुप से इसमें पीने के लिए पानी भरा. लेकिन, धीरे-धीरे इसे नजर अंदाज कर दिया गया. वही टैंकर से पानी मिलना इस चिलचिलाती धूप में लोगों के लिए सपना बन गया है. लोगों के डिमांड को भी नगर निगम नजर अंदाज कर रहा है. नल जल योजना अधूरी रहने के कारण जल संकट का सामना करना पड़ रहा है. कई मोहल्ले में पानी की पाइपलाइन भी नहीं बिछायी गयी है. 66 समरसेबुल काफी नहीं हालांकि नगर निगम शहर में 66 समरसेबल लगाने का दावा कर रही है. लेकिन पानी की किल्लत जिस प्रकार से मुहल्ला दर मुहल्ला आगे बढ रहा है यह संख्या काफी नहीं है. लोगों को और अधिक समरसेबुल या पानी की वैकल्पिक जरुरत है.. वार्डों में पांच-पांच सबमर्सिबल का मिला था आश्वासन 26 फरवरी को निगम बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि तत्काल वार्डों में पांच-पांच समरसेबल लगाया जाएगा. लेकिन यह निर्णय आने के तत्काल बाद आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के कारण काम हो नही सका. वहीं दिन-ब-दिन पानी का लेयर नीचे जाने के कारण पेयजल की समस्या बढ़ती गई. जिसके कारण वार्ड के लोगों को दूसरे पर पानी के लिए निर्भर होना पड़ रहा है. वार्ड पार्षदों ने बताया कि नगर निगम को कई बार इसकी सूचना दी गई. लेकिन समस्या का हल नहीं किया गया. क्या कहते हैं मेयर मेयर अरुण राय ने बताया कि वार्ड में पेयजल के लिए समरसेबल लगाया गया है. पेयजल की समस्या नहीं होने दी जाएगी.

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