मधुबनी. केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए सरकार विभिन्न तरह की योजनाओं को क्रियाशील भी कर रही है. टीबी मरीजों के लिए सरकार तथा अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा कई पहल की जा रही है. सरकार यक्ष्मा मरीजों को उपचार व पौष्टिक आहार लेने के लिए निक्षय पोषण से राशि भी उपलब्ध करा रही है. साथ ही कई संस्थाओं एवं आमलोगों के लिए सरकार निक्षय मित्र योजना का भी संचालन कर रही है. इसके तहत कोई भी व्यक्ति टीबी मरीजों को गोद लेकर पौष्टिक आहार व अन्य तरह से सहयोग कर सकता है. वहीं कुछ संस्था यक्ष्मा मरीजों को स्वरोजगार भी उपलब्ध करा रही है. इसी क्रम में बुधवार को सदर अस्पताल परिसर में इनोवेटर्स इन हेल्थ इंडिया की ओर से जीविकोपार्जन के लिए जयनगर के मो. नौशाद, रहिका प्रखंड के शगुफ्ता प्रवीण, पंडौल प्रखंड के भोला राउत, बिस्फी प्रखंड के मो. परवेज एवं पप्पू चौपाल को जीविकोपार्जन के लिए सिलाई मशीन दी गयी. इससे पहले भी संस्था द्वारा जिले के कई एमडीआर टीबी मरीजों को स्वरोजगार उपलब्ध कराया गया है. इस अवसर पर सीडीओ डॉ. जी एम ठाकुर ने कहा कि टीबी मुक्त अभियान के तहत जिले में कई कार्यक्रम चलाया जा रहा है. वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाना है लक्ष्य डीपीसी पंकज कुमार ने कहा कि भारत सरकार ने टीबी उन्मूलन के लिए 2025 का वर्ष निर्धारित किया है. इसके लिए जमीनी स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है. वहीं लोगों को भी इसके लिए समेकित रूप से जागरूक करने के लिए प्रयास करना होगा. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रखंड स्तर पर प्रत्येक समुदाय में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा रोगियों की खोज और उपचार हमारा लक्ष्य है. ताकि टीबी पर विजय पायी जा सके. उन्होंने कहा कि टीबी पूर्ण रूप से ठीक होने वाली बीमारी है, बशर्ते मरीज नियमित रुप से दवा का सेवन करें. टीबी के रोगियों को नि:शुल्क दवा का वितरण सरकारी अस्पतालों में किया जाता है. साथ ही प्रत्येक प्रखंड में स्पुटम जांच की व्यवस्था की गई है.
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