Buchai Kamat Murder : मधुबनी . अपर जिला एवं सत्र न्यायालय तृतीय के न्यायाधीश वेद प्रकाश मोदी की न्यायालय में अरेर थाना क्षेत्र में 21 वर्ष पूर्व भूमि विवाद में हुई बुचाई कामत हत्या मामले की सजा के बिंदु पर मंगलवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद अरेर थाना क्षेत्र के दोषी आरोपी सिनुआरा निवासी दिनेश कामत, ध्रुव नारायण चौधरी, शिव शंकर चौधरी एवं केशव नारायण भंडारी को दफा 302 भादवि में आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही साथ न्यायालय ने सभी आरोपी पर 25 – 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर सभी आरोपी को छह- छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. न्यायालय में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक जगदीश प्रसाद यादव ने बहस करते हुए कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी. वहीं बचाव पक्ष से अधिवक्ता शिवनाथ चौधरी ने बहस करते हुए कम से कम सजा देनी की मांग की थी.
Buchai Kamat Murder : क्या है मामला ?
अपर लोक अभियोजक के अनुसार मुकदमा के सूचक हरखित कामत के परिवार और आरोपी के परिवार वालों के बीच पहले से भूमि विवाद था. जिसके कारण आरोपी के परिवार वालों ने सूचक के परिवार वालों को गांव से भगा दिया था. जिससे सूचक के खेत परती पड़ा हुआ था. 2 मई 2003 को सूचक अपने पिता बुचाई कामत एवं अन्य लोगों के साथ अपने गांव गया था. अपने दियाद के दरवाजे पर बैठा था. इसी दौरान सभी आरोपी लाठी फरसा से लैस होकर आये और सूचक के पिताजी एवं उसके चाचा देवच्रंद कामत सहित सभी को गांव से चले जाने को कहा. इसी बात पर दोनों पक्ष के बीच विवाद हो गया. विवाद में आरोपियों ने मिलकर सूचक के पिता बुचाई कामत को फरसा और खुखरी से मार कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया. जिनकी बाद में मौत हो गयी. वहीं भागने के क्रम में देवचंद्र कामत को भी गांव के स्कूल के समीप खदेड़ कर आरोपियों ने फरसा व खुखरी से हत्या कर दी थी. मामले को लेकर मृतक बुचाई कामत के पुत्र हरखित कामत के बयान पर बेनीपट्टी अड़ेर थाना में प्राथमिक दर्ज की गई थी.