पूजा की हत्या के लिए सास, ससुर और पति को आजीवन कारावास
सकरी थाना क्षेत्र में पूजा देवी की हुई हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्ण मुरारी शरण के न्यायालय में सजा के बिंदु पर शनिवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपी सकरी थाना क्षेत्र के मोकरमपुर निवासी रिंकू मंडल (पति), सुनीता देवी सास व सुभाष मंडल ससूर को दफा 302/34 भादवि में आजीवन कारावास की सजा सुनायी है.
मधुबनी : सकरी थाना क्षेत्र में पूजा देवी की हुई हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्ण मुरारी शरण के न्यायालय में सजा के बिंदु पर शनिवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपी सकरी थाना क्षेत्र के मोकरमपुर निवासी रिंकू मंडल (पति), सुनीता देवी सास व सुभाष मंडल ससूर को दफा 302/34 भादवि में आजीवन कारावास की सजा सुनायी है.
साथ ही न्यायालय ने प्रत्येक को पांच -पांच हजार रुपया जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर 6-6 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
लोक अभियोजक ने कड़ी से कड़ी सजा की मांगी. उक्त मामले में सरकार की ओर से बहस करते हुए लोक अभियोजक राजेंद्र राय व सूचक अधिवक्ता रामशरण साह ने न्यायालय से मांग की थी कि उक्त आरोपियों ने सात माह के अबोध बच्चा की मां पूजा देवी की हत्या कर जघन्य अपराध किया है. इसको ऐसी कड़ी से कड़ी सजा मिले कि समाज के लिए सबक हो और ऐसा अपराध करने से लोगों में भय हो. वहीं बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता संजय सिंह ने न्यायालय से कम से कम सजा की मांग की थी.
क्या था मामला : लोक अभियोजक के अनुसार राजनगर थाना क्षेत्र के रामपट्टी हाट निवासी सूचक जय किशोर मंडल की पुत्री पूजा देवी की शादी आरोपी रिंकू मंडल के साथ हुई थी. सूचक 23 अक्तूबर 2017 को अपने पुत्री पूजा देवी से मिलने उनके ससुराल गया. लेकिन उक्त आरोपियों ने सूचक को अपने पुत्री से नहीं मिलने दिया था. वहीं सूचक के साथ गाली गलौज करते हुए बच्चा जन्म के दौरान डाक्टर के पास हुए 40 हजार रुपये खर्च की मांग की. घटना के दिन 5 नवंबर 2017 को सूचना पर जब सूचक अपने पुत्री के ससुराल पहुंचे तो जहां पूजा देवी को मृत अवस्था में पड़ी हुई थी. इस बावत सूचक जयकिशोर मंडल द्वारा 40 हजार रुपया नहीं देने के कारण हत्या कर शव को पोखरा में फेंकने का आरोप लगाते हुए सकरी थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
सजा सुनते ही रोने लगे आरोपी. उक्त मामले को लेकर जब न्यायालय में दोनों पक्षों की ओर से बहस चल रही थी. उस समय न्यायालय में आरोपी खड़े थे. लेकिन ज्योंही न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा का ऐलान हुआ कि न्यायालय में खड़े आरोपी रोने बिलखने लगे. खासकर आरोपी सास सुनीता देवी का रो- रो कर बुरा हाल था. बचाव पक्ष के अधिवक्ता संजय कुमार सिंह ने कहा कि उक्त सजा के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील की जायेगी.