बीमार कर रहा मौसम, अस्पताल में सर्दी, खांसी व बुखार के बढ़े मरीज

पिछले एक माह से जिला भीषण गर्मी की चपेट में हैं. तेज हवा के थपेड़ों के बावजूद लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिल रही है. मानसून मानो मौन धारण कर लिया हो. ऐसे में पारा भी 37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 1, 2024 10:19 PM

मधुबनी . पिछले एक माह से जिला भीषण गर्मी की चपेट में हैं. तेज हवा के थपेड़ों के बावजूद लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिल रही है. मानसून मानो मौन धारण कर लिया हो. ऐसे में पारा भी 37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. वातावरण में तपिश में वृद्धि के साथ ही गर्म हवा के थपेड़े व भीषण गर्मी से लोग बेहाल हैं. गर्मी की कहर के कारण अस्पताल में सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. गर्मी के कारण मानसिक रोग से ग्रस्त मरीज भी इलाज के लिए आ रहे हैं. ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर से मिली जानकारी के अनुसार प्रतिदिन 7-10 मानसिक रोगी इलाज के लिए आते हैं. लेकिन मनोचिकित्सक डाॅ श्रवण कुमार मंगलवार व शुक्रवार को ही ओपीडी में ड्यूटी करते हैं. जिसके कारण अन्य दिनों में मानसिक रोग से ग्रस्त मरीजों को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ता है. ओपीडी से मिली जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल के मनोचिकित्सक डा. श्रवण कुमार का रोस्टर सोमवार से शनिवार तक है. लेकिन डा. श्रवण कुमार मंगलवार व शुक्रवार को ही ओपीडी में आते हैं. वहीं मौसम बेधशाला मानसून के कमजोर होने के कारण बारिश के आसार नहीं होने की पूर्वानुमान व्यक्त किया है. मौसम का मिजाज कुछ दिनों तक ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में आम आदमी की परेशानी ओर बढ़ सकती है. गर्मी का आलम यह है कि सदर अस्पताल के ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर गुरुवार को 415 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. ऐसे में चिकित्सकों ने लोगों को गर्मी से सतर्कता बरतने की सलाह दी है. भीषण गर्मी के कारण सदर अस्पताल में सर्दी, खांसी, बुखार, पेट दर्द, मानसिक रोग एवं चर्म रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. इसमें सबसे अधिक मेल ओपीडी में सर्दी खांसी, बुखार, पेट दर्द, बीपी से पीड़ित 165 मरीज, स्त्री एवं प्रसूति रोग ओपीडी 106, आर्थोपेडिक ओपीडी में 117, आईं ओपीडी में 25, चाइल्ड ओपीडी में 30 व डेंटल ओपीडी में 15 मरीज शामिल थे. मेल ओपीडी के चिकित्सा पदाधिकारी डा. विनय कुमार कुमार ने कहा कि भीषण गर्मी व हीटवेव से कुछ सावधानी बरतकर अपने को सुरक्षित रखा जा सकता है. चिकित्सक ने कहा कि किसी भी तरह की बीमारी होने पर पीड़ित व्यक्ति को इलाज के लिए अपने चिकित्सक व नजदीकी अस्पताल में जाना चाहिए. ताकि समय रहते बीमारी का पता लगाकर उसका सही इलाज किया जा सके. 415 मरीजों का काटा गया पर्ची गुरुवार को सदर अस्पताल के ओपीडी काउंटर पर 415 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें मेल ओपीडी में 165 मरीजों का इलाज डॉ. विनय कुमार ने किया. डॉ. कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में सर्दी खांसी, बुखार व पेट दर्द से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है. ऑर्थोपेडिक ओपीडी में डॉ. मेराज अशरफ ने कहा कि यहां आनेवालों में अधिकांश मरीज कमर दर्द व पेट दर्द से पीड़ित थे. गायनिक ओपीडी में डॉ. नीतू ने कहा कि गर्भवती महिला सहित महिला रोग से संबंधित 106 मरीजों को इलाज कर उचित सलाह दी गई. सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा है कि हीट वेब एवं भीषण गर्मी को देखते हुए सदर अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस सहित अन्य प्रकार की जीवन रक्षक दवाओं का भंडारण किया गया है. ताकि हीट वेब की चपेट में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज के साथ ही संबंधित बीमारी की दवा उपलब्ध कराया जा सके. कैसे करें बचाव तेज गर्म हवा में बाहर जाने से बचें, नंगे बदन और नंगे पैर धूप में न निकलें. घर से बाहर पूरी आस्तीन के और ढीले कपड़े पहनकर निकलें, जिससे कि शरीर में हवा लगती रहे. ज्यादा टाइट और गहरे रंग के कपड़े नहीं पहनें. सूती कपड़े पहनें. सिंथेटिक, नायलॉन और पॉलिएस्टर के कपड़े नहीं पहनें. खाली पेट घर से बाहर नहीं जाएं और ज्यादा देर भूखे रहने से बचें धूप से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल करें. इसके अलावे, सिर पर गीला या सादा कपड़ा रखकर चलें चश्मा पहनकर बाहर जाएं. चेहरे को कपड़े से ढंक लें.

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