मनाया गया अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस
अकादमी संस्था मधुबनी के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया गया.
मधुबनी . अकादमी संस्था मधुबनी के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया गया. इस अवसर पर रविवार को इतिहासकारों और बुद्धिजीवियों की एक गोष्ठी प्रो. नरेन्द्र नारायण सिंह निराला के आवासीय परिसर में आयोजित की गई प्रो. नरेंद्र नारायण सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते कहा कि मिथिला चित्रकला वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध है पर मधुबनी में अभी तक एक भी मिथिला चित्रकला का संग्रहालय नहीं है. जबकि मधुबनी के कलाकारों से ही जापान में कलाविद् हासेगावा जापान में मिथिला म्यूजियम की स्थापना की है. उन्होंने कहा कि संग्रहालय किताब से पहले ज्ञान का संवाद करता है. उदय जायसवाल ने स्वागत संबोधन में कहा कि बिहार में संग्रहालय के प्रति सरकारी रवैया संवेदनशील नहीं है. एक संग्रहालयाध्यक्ष को चार-चार संग्रहालय की जिम्मेदारी दी जाती है. वस्तुओं के रखरखाव भी सही नहीं है. जिसके कारण संग्रहालय के प्रति आमलोगों का आकर्षण नहीं है. सेवानिवृत्त डीआईजी चंद्रशेखर दास ने कहा कि संग्रहालय को पर्यटकों से आय का एक अच्छा स्रोत होता है. भोलानंद झा ने कहा कि मिथिला चित्रकला का संग्रहालय वैश्विक संदर्भ में प्रसिद्धि एवं आय देने की संभावनाएं दिखाता है. डा. शिव कुमार पासवान ने कहा कि मधुबनी के सौराठ स्थित संग्रहालय का भवन बने तो बहुत दिन हो गया किंतु उसमें संग्रहालय का सामान लाकर व्यवस्थित अब तक नहीं किया गया है. डा. उदय नारायण तिवारी ने कहा कि संग्रहालय को सभी लोग अपने घरों से पुरानी वस्तुएं प्रदान कर समृद्ध करें. भागलपुर के पूर्व संग्रहालयाध्यक्ष ओपी पाण्डेय ने कहा कि भारत का संग्रहालय विश्व का प्राचीनतम देश होने के कारण विश्व में सर्वश्रेष्ठ एवं समृद्ध होना चाहिए. संग्रहालयाध्यक्ष डाॅ शिव कुमार मिश्र ने कहा कि धरोहर का संरक्षण हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य होना चाहिए. डाॅ अरविंद कुमार ने कहा कि संग्रहालय में दर्शन पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए. धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डा एस. बालक ने कहा कि भारत में पुरातात्विक मूर्तियां एवं वस्तुओं की चोरी कर तस्करी की जा रही है. इस पर प्रशासन को संवेदनशील होना चाहिए.
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