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हीट स्ट्रोक व डिहाइड्रेशन से हमेशा सतर्क रहना जरूरी

अप्रैल महीने में गर्मी का आलम यह है कि सोमवार को पारा 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. झुलसा देने वाली पछिया हवा के थपेड़ों से लोग परेशान हैं.

मधुबनी. अप्रैल महीने में गर्मी का आलम यह है कि सोमवार को पारा 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. झुलसा देने वाली पछिया हवा के थपेड़ों से लोग परेशान हैं. यूं तो गर्मी का असर हर उम्र के लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है, लेकिन गर्मी का असर सबसे ज्यादा कमजोर बच्चों और घर के बड़े बुजुर्गों पर पड़ता है. हालांकि बच्चों को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के लिए उनके माता-पिता तरह-तरह के उपाय करते रहते हैं. लेकिन इसी बीच कभी-कभी घर के बड़े बुजुर्गो सहित बच्चों की अनदेखी कर दी जाती है. चिकित्सकों की मानें तो वर्तमान समय में शरीर में पानी की कमी से हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन से होने वाली बीमारियों से सुरक्षित एवं बचाव को लेकर हमेशा सतर्क रहने की आवश्यकता है. इसके लिए पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल के अलावा रसयुक्त आहार को अनिवार्य रूप से शामिल करना जरूरी है. ताजी और हरी सब्जियों का अनिवार्य रूप से करें उपयोग सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा है कि गर्मियों के दिनों में घर के बड़े बुजुर्गों की त्वचा खराब होने की संभावना बढ़ जाती है. जिसके कारण संक्रमण होने का खतरा बना रहता है. ऐसे मामलों में औषधीय या हर्बल साबुन का उपयोग करना बेहतर होता है. गर्मी के दिनों में स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है. गंदे कपड़े पहनने मात्र से स्वच्छता और पाचन तंत्र भी प्रभावित होने की आशंका बनी रहती है. वहीं फूड प्वाइजनिंग का खतरा अत्यधिक होता है. इसके लिए लोगों को अपने आहार में ताजी और हरी सब्जियों को अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए. गर्मी के दिनों में एलर्जी, कंजक्टिवाइटिस और कमजोरी होने का खतरा दो गुना बढ़ जाता है. इन सभी से बचाव एवं सुरक्षित रखने के लिए आंखों को गर्मी या अत्यधिक धूप से बचाने के लिए अपने आहार में विटामिन ए और विटामिन सी से परिपूर्ण फलों को शामिल करना चाहिए. चिकित्सकों से सलाह लेना जरूरी सीएस ने कहा कि परिवार के किसी भी बड़े बुजुर्ग को कोई संक्रमित बीमारी होने का खतरा मंडरा रहा है तो नियमित रूप से जांच करानी चाहिए. स्वास्थ्य खराब होने की स्थिति में जल्द से जल्द नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए. चिकित्सकों से परामर्श लिए बिना कोई भी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए. जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 24 घंटे चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित की गई है. इसके अलावे विशेष जानकारी या उचित परामर्श के लिए क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका या आशा कार्यकर्ताओं से संपर्क किया जा सकता है. लू या हीट स्ट्रोक होने पर आजमाएं ये उपाय व्यक्ति को ठंडे स्थान पर ले जाएं. शरीर का तापमान कम करें. अतिरिक्त कपड़े हटा दें. ठंडे पानी का इस्तेमाल करें. पंखे या एयर कंडिशनिंग का उपयोग करें. आइस पैक या कोल्ड कंप्रेस का प्रयोग करें. इसके अलावे हाइड्रेशन से बचाने के लिए पानी पिलाएं.

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