Madhubani News. झंझारपुर. बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ के बैनर तले जीविका कार्यकर्ता की गौरी शंकर मंदिर परिसर में रविवार को बैठक हुई. बैठक में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई. 4 हजार में दम नहीं, 20 हजार से कम नहीं. कैडर पॉलिसी वापस लो, हमारी मांगे पूरी करो. नारे के साथ काफी देर तक विरोध जताया. उसके बाद ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संशोधित कैडर मानदेय की आदेश प्रति को जलाया. सभा को बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ के जिलाध्यक्ष बसंत मंडल, प्रखंड अध्यक्ष संजय कुमार गिरी, सचिव सुनील लाल मंडल, एमआरपी स्वीटी पाठक, गोलक बिहारी, पिंकी कुमारी, मीरा कुमारी, गीता देवी, ज्योति देवी, कमल कुमार झा, नवीन कुमार दास, रानी देवी, सुभाष चंद्र साफी, राघव कुमार मिश्रा, अवंतिका भारती, सुदामा देवी, बबली कुमारी, रीमा देवी, अनीता देवी, सुलेखा देवी, मुन्नी देवी, सुविधा देवी, नवीन झा सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया. वक्ताओं ने कहा कि तीन सूत्री मांग में कैडर संशोधित मानदेय को वापस लेना, अब तक दिए जा रहे मानदेय में स्पष्ट बढ़ोतरी करना और स्थाई पहचान पत्र निर्गत करना शामिल है. कहा कि हमारा यह आंदोलन आंशिक मानदेय को बढ़ाकर पूर्ण मानदेय किए जाने तक जारी रहेगा. तीन सूत्री मांग पत्र ग्रामीण विकास विभाग को भेजे जाने का निर्णय लिया गया. साथ ही इस आंदोलन को धारदार बनाने के लिए संघ के पदाधिकारी को निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया. बताया गया कि सरकार के इस निर्णय से जीविका का काम देखने वाले सीएम, बीओ, लेखापाल, सीएलएफ लेखापाल, समूह लेखापाल, सुगमकर्ता, एमआरपी, वीआरपी, सीएनआरपी, एसीडब्लू सहित अन्य लोग प्रभावित हो रहे हैं. संशोधित मानदेय के नाम पर और अधिक शोषण और छलावा किया जा रहा है. वक्ताओं ने कहा कि सरकार अगर नहीं मानी तो आने वाले चुनाव में सभी जीविका के लोग अपनी ताकत दिखाएंगे.
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