Madhubani News. मधुबनी. जिले में कालाजार रोगी खोज अभियान शुरु करने की तैयारी की जा रही है. कालाजार उन्मूलन व खोज अभियान के तहत जिले के सभी प्रखंडों में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा कालाजार मरीज की खोज की जाएगी. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डीएस सिंह ने कहा है कि कालाजार के नियंत्रण के लिए सर्विलांस को सशक्त करने के उद्देश्य से जिले के सभी प्रखंडों के कालाजार प्रभावित क्षेत्रों के 1050 आशा कार्यकर्ताओं को 30 -30 के बैच में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण में कालाजार के लक्षण, संभावित पीकेडीएल मरीजों की पहचान, जांच, उपचार एवं बचाव के लिए घर-घर कालाजार नियंत्रणार्थ कीटनाशक दवा का छिड़काव के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि जिला कालाजार उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है. अब हमलोग शून्य कालाजार मरीज की ओर बढ़ रहे हैं. ऐसे मे हमारे ऊपर और भी जवाबदेही है कि कोई भी व्यक्ति जिसे दस दिन से अधिक समय से बुखार है, उसपर नजर रखी जाए. सामान्य उपचार एंटीबायोटिक या मलेरिया रोधी दवाओं से बुखार ठीक नहीं हो रहा है तो शीघ्र कालाजार की जांच कराई जाए और पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर शीघ्र एकल खुराक एम्बीजोम से इलाज कराई जानी चाहिए. जिस मरीजों का 2 वर्ष पहले या उससे पहले भी कालाजार का इलाज हुआ है वैसे मरीजों में पीकेडीएल के पहचान के बारे में भी बताया गया. कालाजार के अलावा डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, फाइलेरिया तथा मस्तिष्क ज्वर के बारे भी जानकारी दी जा रही है. उन्होंने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों के 420 रुरल हेल्थ प्रैक्टिशनर को भी प्रशिक्षित किया जाएगा. आरएचपी के द्वारा अगर कालाजार रोगी को चिन्हित किया जाता है, तो उसे 500 रुपए प्रति मरीज प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. जबकि आशा कार्यकर्ताओं को प्रति मरीज 200 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. सरकार से रोगी को मिलती है आर्थिक सहायता वेक्टर नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डीएस सिंह ने कहा कि कालाजार से पीड़ित रोगी को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में आर्थिक सहायता राशि दी जाती है. इसमें ब्लड रिलेटेड कालाजार पीड़ित मरीज को राज्य सरकार द्वारा 6600 रुपए और केंद्र सरकार द्वारा 500 रुपए दिया जाता है. वहीं पीकेडीएल से जुड़े कालाजार मरीजों को केंद्र सरकार द्वारा 4000 रुपये आर्थिक सहायता राशि दी जाती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है