मधुबनी. मिथिला-मैथिली व मिथिला राज्य निर्माण आंदोलन के वरिष्ठ सेनानी, अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद के पूर्व अध्यक्ष, मिथिला राज्य संघर्ष समिति के पूर्व अध्यक्ष व साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रखर साहित्यकार जयनगर निवासी कमलकांत झा (81) का निधन हो गया है. उनके निधन से मैथिली साहित्य को अपूर्णीय क्षति हुई है. उन्हें वर्ष 2020 में मैथिली भाषा में प्रकाशित कहानी संग्रह गाछ रूसल अछि के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. मैथिली भाषा में उनकी 22 साहित्यिक पुस्तक प्रकाशित है. जिसमें नाटक, निबंध व कहानी संग्रह शामिल है. मैथिली लोकोक्ति उदभव व विकास पुस्तक की रचना कर वे खासे चर्चित हुए थे. मैथिली भाषा आंदोलन में वे शुरू से ही सक्रिय रहे. वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े रहे. वे संघ के प्रचार-प्रसार के लिए जहां भी गये वहां मैथिली भाषा का भी प्रचार-प्रसार किया. वे डीबी कॉलेज जयनगर में मैथिली विभाग में प्राध्यापक रहे. बाद में विभागाध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त हुए. उनके निधन पर साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त उदयचंद्र झा विनोद, अक्षय आनंद सन्नी, दिलीप कुमार झा, ऋषि बशिष्ठ, सोनू कुमार झा, प्रजापति ठाकुर, प्रीतम निषाद, अर्जुन कविराज, डॉ. भीमनाथ झा, मिथिला लोकतांत्रिक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज झा, डॉ. इंद्रमोहन झा, लंबोदर झा ने शोक प्रकट किया है.
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