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Madhubani News. घना कोहरा व पछिया हवा से बढ़ी कनकनी

घना कोहरा एवं पछिया हवा के कारण मंगलवार को अचानक कनकनी बढ़ गयी. कोहरे के कारण विजिबिलिटी कम होने से वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया.

Madhubani News. मधुबनी . घना कोहरा एवं पछिया हवा के कारण मंगलवार को अचानक कनकनी बढ़ गयी. कोहरे के कारण विजिबिलिटी कम होने से वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया. जगह जगह लोग अलाव सेंकते रहे. इधर, घना कोहरा से नई दिल्ली जयनगर स्वतंत्रता सेनानी सेनानी सुपर फास्ट का तय समय मंगलवार शाम 6:30 बजे से लगभग 13 घंटे विलंब से पहुंचने की सूचना रेलवे सूत्रों द्वारा दी गई. सोमवार को तेज धूप थी. जबकि मंगलवार को घना कोहरा छाया रहा. हाड़कंपा देने वाली ठंड रही. मौसम विभाग पूसा समस्तीपुर के अनुसार आगामी तीन चार दिनों तक कोल्ड डे की स्थिति बनी रहेगी. मंगलवार को अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से 4 डिग्री अधिक रहा. वही न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 3.7 डिग्री सेल्सियस कम रहा. इस बीच 6.7 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पछिया हवा चली. वहीं आने वाले दो तीन दिनों तक दिन में तापमान 20 से 21 डिग्री सेल्सियस तक रह सकती है. मौसम विभाग के वैज्ञानिक ए सत्तार ने बताया है कि दिन में आसमान में बादल छाये रहेंगे. जबकि सुबह में मध्यम से घना कोहरा रहेगा. ठंड रहेगी. बच्चों व बुजुर्गों को हमेशा गर्म कपड़े पहना कर रखें: सिविल सर्जन डॉ नरेन्द्र कुमार ने कहा कि ठंड के मौसम में बच्चों और बुजुर्गों के पूरे शरीर को हमेशा गर्म कपड़े से ढक कर रखना चाहिए. इसके साथ ही समय-समय पर ब्लड प्रेशर व ब्लड शुगर की जांच कराते रहनी चाहिए. पीने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए. ठंड का प्रकोप बढ़ने से बुजुर्गों को सतर्कता बरतनी चाहिए. इससे बचाव के लिए शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ विवेकानंद पाल ने कहा कि ठंड के कारण दोनों आयु वर्ग के व्यक्तियों पर अधिक खतरा बना रहता है. उन्होंने कहा कि नवजात शिशु की बात करें तो समय से पूर्व जन्म में बच्चों को हाइपोथर्मिया होता है. ऐसे बच्चों को जन्म के साथ ही उनके शरीर के लिए गर्मी अति आवश्यक है. इसके लिए नवजात शिशु को हमेशा गर्म कपड़े में लपेटकर रखने की सलाह दी जाती है. दमा व बीपी के मरीज रखें अपना विशेष ख्याल सिविल सर्जन डॉ हरेंद्र कुमार ने कहा कि ठंड में दमा व ब्लड प्रेशर के मरीज अत्यधिक प्रभावित होते हैं. इसका मुख्य कारण सांस लेने वाले ग्रंथियां में सांस का अवरुद्ध होना है. इसके अधिकतर शिकार धूम्रपान का अधिक सेवन करने वाले लोग होते हैं. ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर के मरीज का ब्लड प्रेशर अधिक हो जाता है. इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को दवा का नियमित सेवन करना चाहिए. ऐसे लोग यदि सुबह की सैर करते हैं तो उन्हें देर से सैर करना चाहिए. अधिक ठंड में उन्हें सैर नहीं करना चाहिए. कोल्ड एक्स्पोज़र से भी ऐसे मरीज को बचना चाहिए. कोल्ड एक्स्पोज़र के कारण ब्लड प्रेशर के मरीज पैरालिसिस के शिकार हो सकते हैं. सर्दी के मौसम में सबसे अधिक बचाव कोल्ड एक्स्पोज़र से करना है. इसके साथ ही खान-पान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ठंड के मौसम में बीपी एवं शुगर के मरीजों को बराबर बीपी एवं शुगर की दवा लेते रहना चाहिए. बढ़ रही ठंड प्रभावित मरीजों की संख्या ठंड से प्रभावित मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. मंगलवार को सर्द हवाओं के थपेड़ों एवं मकर संक्रांति पर्व के बाद भी सदर अस्पताल के ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर महज 223 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें सबसे अधिक मरीज सर्दी खांसी एवं बुखार के शामिल रहे इसके अलावा ऑर्थोपेडिक मरीजों की संख्या भी रही. हालांकि कंपकंपा देने वाली ठंड के कारण मरीजों की संख्या में काफी कमी आयी है. लेकिन सर्दी खांसी बुखार दमा व ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. इन मरीजों को अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा आवश्यकता अनुसार इलाज व परामर्श दिया जा रहा है. इसके लिए मरीजों को सतर्क एवं सावधान होने की जरूरत है. नगर निगम द्वारा की गई अलावा की व्यवस्था बढ़ती ठंड को देखते हुए नगर निगम द्वारा निगम क्षेत्र के 23 स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है. जबकि नगर निगम क्षेत्र में कुल 45 वार्ड शामिल हैं.

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