बिस्फी . नई तकनीक से खरीफ फसल की खेती करने से किसान अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. परंपरागत खेती के तरीके से अलग हटकर नई तकनीक से खेती करने की जरूरत है. यह बातें प्रखंड क्षेत्र के परसौनी उत्तरी, राधेपुरा, नाहस रूपौली दक्षिण एवं उत्तरी, सोहांस, जफरा, सिमरी, भोजपंडौल पंचायत के पंचायत कृषि कार्यालय एवं पंचायत भवन परिसर में आयोजित खरीफ किसान चौपाल में बीएओ गोपाल शंकर पाठक ने कही. कार्यक्रम का संचालन बीटीएम अनिल कुमार ने किया. मौके पर बीएचओ विनोद कुमार, एटीएम आशुतोष श्रीवास्तव, रामकुमार पासवान, कृषि समन्वयक कौशल किशोर, रामबाबू साह ने खरीफ की खेती की नई-नई तकनीक के बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी दी. कम लागत में अधिक पैदावार एवं खेतों को ज्यादा ऊर्जावान बनाए रखने की जानकारी दी. समय से नर्सरी तैयार करना, धान की सीधी बुवाई तकनीक, जीरो टिलेज का प्रयोग में लाने की बात बताई गई. साथ ही किसान सम्मान निधि से वंचित किसानों को केवाईसी व एनपीसीआई करने, खेती से संबंधित कई बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया. किसान सलाहकार ने सरकार द्वारा किसानों को मिलने वाले बीज और प्रोत्साहन राशि के बारे में बताया. साथ ही मोटे अनाज की खेती से कृषि पैदावार बढ़ाने, मिट्टी जांच व पैदावार संरक्षण पर किसानों की विस्तार से जानकारी दी. मौके पर किसान सलाहकार बिंदेश्वर कुमार, बाबू साहब राय, रामचंद्र शर्मा, बिंदेश्वर झा, अरुण कुमार भारती सहित कई लोग उपस्थित थे.
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