कोसी- कमला की गोद में बसे झंझारपुर में एक बार ही जीत पायी भाजपा, 72 में हुआ था पहला चुनाव
मधुबनी जिले में दो लोकसभा की सीटें हैं. एक मधुबनी और दूसरा झंझारपुर. यह सीट 1972 के परिसीमन में बनी और अब तक इस सीट से भाजपा केवल एक बार चुनाव जीत सकी है. यह अतिपिछड़ा कोटे की सीट मानी जाती है.
अनुज शर्मा, मुजफ्फरपुर. लोकसभा क्षेत्र झंझारपुर की जनता सात मई को अपने सांसद का चुनाव करेगी. इस सीट पर जनता दल परिवार से निकलीं पार्टियां राजद-जदयू बारी-बारी से जीत का परचम लहराती रही हैं. 2019 में यहां से रामप्रीत मंडल जनता दल (यूनाइटेड) की टिकट पर जीते थे. रामप्रीत मंडल ने करीब साढ़े तीन लाख वोटों से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवार गुलाब यादव को हराया था. 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है. झंझारपुर सीट इस बार भी जदयू के खाते में गयी है. यानी इस बार भी यहां से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी का ही उम्मीदवार होगा. वह कौन होगा ? इसकी घोषणा पार्टी कभी भी कर सकती है. पिछड़े समुदाय (करीब 35 प्रतिशत) के दबदबा वाली इस संसदीय सीट पर सभी प्रमुख दलों ने ज्यादातर पिछड़ा वर्ग से ही उम्मीदवार उतारा है.
1972 में हुआ था पहला चुनाव
11 वीं शताब्दी में मिथिला की राजधानी कहे जाने वाले झंझारपुर में 1972 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था. किले, मूर्तियां और शिलालेख आदि धरोहर इस क्षेत्र की समृद्धि की गाथा बयां करते हैं. बिहार के मुख्यमंत्री रहे जगन्नाथ मिश्रा ने विधानसभा और लोकसभा दोनों सदनों में यहां की जनता का प्रतिनिधित्व किया. 1972 में कांग्रेस उम्मीदवार जगन्नाथ मिश्रा यहां से जीते. 1977 में भारतीय लोकदल के उम्मीदवार धनिक लाल मंडल ने कांग्रेस के उम्मीदवार जगन्नाथ मिश्रा को 157481 वोटों से हरा दिया था. इस लोकसभा सीट के दो विधानसभा क्षेत्र झंझारपुर और फूलपरास से चुने गये प्रतिनिधि बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. उद्योग एवं पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा (भाजपा) झंझारपुर तथा परिवहन मंत्री शीला कुमारी (जदयू) फुलपरास से विधायक हैं. यही बात इस सीट को वीआइपी का दर्जा देती है. चुनाव को रोमांचक भी बनाती है.
देवेंद्र प्रसाद यादव ने बनाया था जीत का रिकॉर्ड
1977 से अब तक हुए लोकसभा चुनाव को देखें, तो देवेंद्र प्रसाद यादव सबसे अधिक पांच बार सांसद चुने गये हैं. वह 1989 से 1996 तक जनता दल (जेडी) से जीते. 1998 में सुरेंद्र प्रसाद यादव (राजद) ने उनको हराया. लेकिन, एक साल बाद 1999 में जेडीयू से जीते. हालांकि, 2004 में वह राजद के टिकट पर संसद पहुंचे.
ऐसी रही पिछले तीन चुनावों की तस्वीर
लोकसभा चुनाव की बात की जाए, तो 2014 में भाजपा- जदयू और राजद तीनों मैदान में थे. भाजपा 35.9 फीसदी वोट पाकर विजेता रही थी. राजद 30 फीसदी वोट के साथ दूसरे नंबर पर था. जेडीयू को 19.7 फीसदी वोट मिले थे. 2009 में कांग्रेस, जेडीयू और राजद के बीच त्रिकोणीय मुकाबला था. कांग्रेस को 14.20 फीसदी वोट मिला था. जेडीयू उम्मीदवार 43.6 फीसद वोट पाकर जीते थे. राजद को 31.7 फीसदी वोट मिले थे. 2019 के चुनाव में सीधी लड़ाई दलीय न होकर गठबंधन की थी. एक तरफ एनडीए से जेडीयू ने उम्मीदवार उतारा था. महागठबंधन की तरफ से राजद था. इसमें एनडीए की बड़ी जीत हुई थी. जेडीयू को 56.8 फीसदी वोट मिले थे. राजद को 26.4 फीसदी वोट से संतोष करना पड़ा.
संसदीय क्षेत्र का जातीय समीकरण
मधुबनी जिले का हिस्सा झंझारपुर में ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 97.1% के करीब है. शहरी मतदाता लगभग 2.9% हैं. यहां की साक्षरता दर 48.03% है. यहां 1989 से 2004 तक यादव जाति से ही सांसद चुने गये. अनुमान के आधार पर यहां सबसे अधिक अति पिछड़ी जातियों के मतदाता हैं. दलित (एससी) वोटर 13.5% हैं. एसटी की संख्या 0.1% है. कुल वोटरों में 13.9% वोटर मुस्लिम माना जाता है. 20 फीसदी ब्राह्मण और इतनी की संख्या यादव वोटरों की आंकी जाती है. यहां कायस्थ (कर्ण) मतदाता भी अच्छे तादाद में हैं.
लोकसभा क्षेत्र के मुद्दे
यह इलाका हर साल बाढ़ का सामना करता है. सकरी-झंझारपुर-लौकहा रेलखंड का विकास, बंद चीनी मिल का मामला लगातार विधानसभा से लेकर लोकसभा तक उठता रहा है. कमला-बलान नदी पर पुल निर्माण (भदुआ घाट ) की भी मांग चुनावी मुद्दा रहा है.
विधानसभा में दलीय स्थिति
विधानसभा चुनाव 2020 में झंझारपुर संसदीय सीट के अंतर्गत आनेवाली छह विधानसभा सीटों में भाजपा के तीन विधायक हैं. जदयू के दो और राजद का एक विधायक है. खजौली विधानसभा क्षेत्र से अरुण शंकर प्रसाद (भाजपा), बाबूबरही से मीना कुमारी (जदयू), राजनगर (एससी) से डॉ रामप्रीत पासवान (बीजेपी) के विधायक हैं. झंझारपुर से नीतीश मिश्रा (भाजपा) तथा फुलपरास से शीला कुमारी (जदयू) विधायक हैं. राजद के पास लौकहा की सीट है. यहां के विधायक भारत भूषण हैं.
झंझारपुर लोकसभा सीट से कब कौन जीता
वर्ष @उम्मीदवार @पार्टी@ कुल वोट
2019 @रामप्रीत मंडल @जदयू@ 602391
2014 @बीरेंद्र कुमार चौधरी @भाजपा @335481
2009 @मंगनी लाल मंडल @जद(यू) @265175
2004 @देवेन्द्र प्रसाद यादव @राजद@ 323400
1999@देवेन्द्र प्रसाद यादव @जद(यू) @375852
1998@ सुरेंद्र प्रसाद यादव @राजद @260700
1996 @देवेन्द्र प्रसाद यादव @जेडी@ 358396
1991@ देवेन्द्र प्रसाद यादव@ जेडी @372785
1989 @देवेन्द्र प्रसाद यादव @जेडी @339454
1984 @गौरी शंकर राजहंस @कांग्रेस @375745
1980 @धनिक लाल मंडल @जेएनपी (एस) @202710
1977 @धनिक लाल मंडल @बीएलडी@ 305554
कुल वोटर : 1986590
पुरुष – 1036753
महिला – 949749
थर्ड जेंडर – 88
(स्रोत : भारत निर्वाचन आयोग , 1 जनवरी 2024 )